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डेटा चोरी गिरोह का भंडाफोड़, सेना सहित 16.8 करोड़ लोगों को बनाया शिकार; सात आरोपी गिरफ्तार

तेलंगाना में साइबराबाद पुलिस ने सरकार और महत्वपूर्ण संस्थानों के संवेदनशील डेटा समेत 16.8 करोड़ नागरिकों और सैन्यकर्मियों की निजी जानकारी लीक करने में शामिल गिरोह के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया है।आरोपित नोएडा और अन्य स्थानों पर तीन काल सेंटर के जरिये डेटा चोरी को अंजाम दे रहे थे।

By AgencyEdited By: Sonu GuptaPublished: Thu, 23 Mar 2023 11:47 PM (IST)Updated: Thu, 23 Mar 2023 11:47 PM (IST)
डेटा चोरी गिरोह का भंडाफोड़, सेना सहित 16.8 करोड़ लोगों को बनाया शिकार; सात आरोपी गिरफ्तार
डेटा चोरी गिरोह का भंडाफोड़, सेना सहित 16.8 करोड़ लोगों को बनाया शिकार। फोटो- जागरण।

हैदराबाद, पीटीआई। तेलंगाना में साइबराबाद पुलिस ने सरकार और महत्वपूर्ण संस्थानों के संवेदनशील डेटा समेत 16.8 करोड़ नागरिकों और सैन्यकर्मियों की निजी जानकारी लीक करने में शामिल गिरोह के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया है। गिरोह पर डेटा चोरी और इसकी बिक्री करने का आरोप है। डेटा चोरी में 1.2 करोड़ वाट्सएप यूजर्स और 17 लाख फेसबुक यूजर्स को भी निशाना बनाया गया।

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आरोपियों को किया गया गिरफ्तार

साइबराबाद पुलिस आयुक्त एम स्टीफन रवींद्र ने गुरुवार को कहा कि आरोपितों को 140 से अधिक विभिन्न वर्गों की जानकारी बेचते हुए पाया गया, जिसमें सैन्यकर्मियों का संवेदनशील विवरण और नागरिकों तथा नीट के छात्रों के मोबाइल नंबर शामिल हैं। पुलिस ने कहा कि डेटा चोरी के आरोपितों को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया।

काल सेंटर के जरिये दे रहे थे डेटा चोरी को अंजाम

उन्होंने कहा कि आरोपित नोएडा और अन्य स्थानों पर तीन कंपनी (काल सेंटर) के जरिये डेटा चोरी को अंजाम दे रहे थे। पुलिस के अनुसार, अब तक पता चला है कि आरोपित ने कम से कम 100 जालसाजों को डेटा बेचा। उन्होंने कहा कि मामले में जांच जारी है। पुलिस आयुक्त ने कहा कि आरोपितों के पास सैन्यकर्मियों का संवेदनशील डेटा उपलब्ध था, जिसमें उनके रैंक, ईमेल आइडी, तैनाती का स्थान आदि शामिल है।

राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर होंगे गंभीर परिणाम

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर इसके गंभीर परिणाम होंगे। सैन्य और सरकारी कर्मचारियों का डेटा जासूसी के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाल सकता हैं। हम यह पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि यह डेटा कैसे लीक हुआ और इसके पीछे किसका हाथ है। पुलिस के अनुसार, आरोपित ऊर्जा एवं बिजली क्षेत्र, पैन कार्ड डेटा, सरकारी कर्मचारियों, डीमैट खाताधारकों, क्रेडिट एवं डेबिड कार्ड धारकों समेत अन्य कई श्रेणियों का विवरण बेचते पाए गए।

आनलाइन बेच रहे थे डेटा

पुलिस ने कहा कि आरोपित एक सर्च इंजन कंपनी और इसी तरह के अन्य मंचों के जरिये आनलाइन डेटा बेच रहे थे। उन्होंने दावा किया कि लीक हुआ डेटा साइबर अपराधियों को बेचा गया है। साइबराबाद पुलिस की साइबर अपराधा शाखा में गोपनीय और संवेदनशील डेटा की बिक्री और खरीद के बारे में एक शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद यह मामला सामने आया है।


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