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    Bharat Bandh 2024: दलित, आदिवासी संगठनों ने आज भारत बंद का किया आह्वान, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में हो रहा आंदोलन

    दलित और आदिवासी संगठनों ने हाशिए पर मौजूद समुदायों के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सुरक्षा की मांग को लेकर बुधवार को भारत बंद का आह्वान किया है। दलित और आदिवासी संगठनों के राष्ट्रीय परिसंघ (एनएसीडीएओआर) ने अनुसूचित जाति (एससी) अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए न्याय और समानता सहित मांगों की एक सूची जारी की है।

    By Agency Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Wed, 21 Aug 2024 05:58 AM (IST)
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    आज भारत बंद का किया ऐलान(फाइल फोटो)

    पीटीआई, नई दिल्ली : दलित और आदिवासी संगठनों ने हाशिए पर मौजूद समुदायों के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सुरक्षा की मांग को लेकर बुधवार को भारत बंद का आह्वान किया है। दलित और आदिवासी संगठनों के राष्ट्रीय परिसंघ (एनएसीडीएओआर) ने अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए न्याय और समानता सहित मांगों की एक सूची जारी की है। एनएसीडीएओआर ने सुप्रीम कोर्ट की सात न्यायाधीशों वाली पीठ के हालिया फैसले पर विरोधात्मक रुख अपनाया है।

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    उनके अनुसार, यह फैसला इंदिरा साहनी मामले में नौ न्यायाधीशों वाली पीठ के पहले के फैसले को कमजोर करता है, जिसने भारत में आरक्षण के लिए रूपरेखा स्थापित की थी। एनएसीडीएओआर ने सरकार से इस फैसले को खारिज करने का आग्रह किया है।

    'एससी और एसटी के संवैधानिक अधिकारों पर होगा खतरा'

    परिसंघ ने कहा कि यह फैसला एससी और एसटी के संवैधानिक अधिकारों को खतरे में डालता है। संगठन एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण पर संसद के एक नए अधिनियम को लागू करने का भी आह्वान कर रहा है, जिसे संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करके संरक्षित किया जाएगा। परिसंघ ने दलितों, आदिवासियों और ओबीसी से बुधवार को शांतिपूर्ण आंदोलन में भाग लेने की अपील की है।