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    साहित्य सृजन सम्मान: पीयूष मिश्रा, शकील आजमी समेत इन लेखकों को मिला बेस्टसेलर की श्रेणी में पुरस्कार

    Updated: Sat, 11 Oct 2025 07:39 AM (IST)

    दैनिक जागरण ने 'साहित्य सृजन सम्मान' समारोह में पीयूष मिश्रा, शकील आजमी समेत कई लेखकों को बेस्टसेलर श्रेणी में पुरस्कृत किया। यह सम्मान 2024 में प्रकाशित जागरण हिंदी बेस्टसेलर सूची में शामिल पुस्तकों के रचनाकारों को दिया गया। लेखकों ने दैनिक जागरण के हिंदी साहित्य को प्रोत्साहन देने के प्रयासों की सराहना की और इसे महत्वपूर्ण बताया।

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    जागरण, नई दिल्ली। वर्षपर्यंत पाठकों के बीच लोकप्रिय उपन्यास 'चांदपुर की चंदा' हो या कविता संग्रह 'चाय सी मुहब्बत' न केवल पढ़ने वालों के मानस पटल पर अंकित हो रहे हैं, बल्कि रचनाशीलता को विविध आयामी बना रहे हैं। सांस्कृतिक पहचान को सशक्त बनाती रामकथा पर आधारित कविता संग्रह 'बनवास' हो या गहन शोध के साथ लिखी गई 'सावरकर : एक भूले बिसरे अतीत की गूंज' जैसी कृति।

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    हिंदी का मान बढ़ाने वाली इन कृतियों और इनके रचनाकारों को केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 'दैनिक जागरण कृति सम्मान' से सम्मानित किया। दैनिक जागरण के पूर्व प्रधान संपादक और लेखक नरेन्द्र मोहन की स्मृति में होटल ली मेरिडियन में शुक्रवार को आयोजित व्याख्यान और जागरण साहित्य सृजन सम्मान समारोह में यह सम्मान 2024 में प्रकाशित जागरण हिंदी बेस्टसेलर की सूची में स्थान बनाने वाली पुस्तकों को प्रदान किया गया।

    सूची की पहली कृति को नवांकुर श्रेणी में पुरस्कृत किया गया और पुरस्कार मिला अतुल राय के उपन्यास 'चांदपुर की चंदा' को, जो हिंद युग्म से प्रकाशित है। कथा श्रेणी में कैलाश मांजू बिश्नोई के उपन्यास 'यूपीएससी वाला लव- कलेक्टर साहिबा' को पुरस्कृत किया गया। कथेतर में डॉ. ओमेंद्र रत्नू की कृति 'महाराणा: सहस्त्र वर्षों का धर्मयुद्ध' को पुरस्कार मिला जो प्रभात प्रकाशन से प्रकाशित है।

    अनुवाद में अक्षत गुप्ता की प्रभात प्रकाशन से प्रकाशित पुस्तक 'द हिडेन हिंदू भाग एक' को सम्मान मिला। कविता में परितोष त्रिपाठी के काव्य संग्रह 'चाय सी मुहब्बत', को पुरस्कृत किया गया। जागरण हिंदी बेस्टसेलर की सूची में से उत्तम में सर्वोत्तम के तहत कथा श्रेणी में 'तुम्हारी औकात क्या है' (राजकमल प्रकाशन) के लिए पीयूष मिश्रा, कथेतर में 'भारतवर्ष के आक्रांताओं की कलंक कथाएं' (प्रभात प्रकाशन) के लिए मेजर (डॉ.) परशुराम गुप्त, कविता संग्रह में 'बनवास' (मंजुल प्रकाशन) के लिए शकील आजमी और अनुवाद श्रेणी में 'सावरकर: एक भूले बिसरे अतीत की गूंज-1883-1924' (पेंग्विन) के लिए विक्रम सम्पत को सम्मानित किया गया। रचनाकारों को 50 हजार नकद पुरस्कार व स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए।

    बेस्टसेलर की चार श्रेणियों के लेखकों का हुआ सम्मान

    1- हिंदी भाषा की समृद्धि के लिए दैनिक जागरण के प्रयास सराहनीय व अनुकरणीय हैं। यह एक ऐसा अखबार है, जो सत्य को प्रकट करने वाले लेखकों को प्लेटफार्म दे रहा है। मेरी पुस्तक 'महाराणा: एक सहस्त्र वर्षों का धर्मयुद्ध' को जागरण की ओर से बेस्ट सेलर का पुरस्कार मिलना सुखद और उत्साहवर्धक है। डॉ. ओमेंद्र रत्नू, लेखक(मूल रूप से जयपुर के रहने वाले डा. रत्नू नाक-कान-गला सर्जन हैं। इससे पहले पाकिस्तान के अल्पसंख्यक हिंदुओं की पीड़ा पर आधारित एक लघु-पुस्तक 'पाकिस्तान के हिंदू व सिख- एक विस्तृत नरसंहार' लिख चुके हैं)

    2-दैनिक जागरण बेस्ट सेलर पुरस्कार मिलना सम्मान की बात है। यह हिंदी साहित्य को समृद्ध करने का एक सार्थक प्रयास है। सम्मान और इस सार्थक प्रयास के लिए दैनिक जागरण का कोटि-कोटि धन्यवाद। हिंदी साहित्य को समृद्ध करने के प्रयास सरकारी और गैर-सरकारी स्तर पर होने चाहिए। कैलाश मांजू बिश्नोई, लेखक (कैलाश मूल रूप से राजस्थान के फलोदी के हंसादेश गांव के निवासी हैं। 11 साल पहले यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली के मुखर्जी नगर आए। आइएएस तो नहीं बन पाए, पर लेखन की दुनिया में धाक जमाने में सफल रहे। अब तक तीन पुस्तक लिख चुके हैं)।

    3- मेरी किताब तीन साल से बेस्ट सेलर है। खुशी की बात यह है कि साहित्य को लेकर अखबार इतना बड़ा कार्यक्रम कर रहा है। इससे जो हमारे लेखक, कवि, साहित्यकार ईमानदारी से लिख रहे हैं, उनको प्रोत्साहन और हौसला मिलेगा। - शकील आजमी, गीतकार (शकील मूल रूप से आजमगढ़ के निवासी हैं। उनकी प्रमुख कृतियों में वनवास, आग से बिछड़ा धुआं, चांद की दस्तक शामिल हैं। उनकी बड़ी पहचान बालीवुड में गीतकार के रूप में है। 'तू बन जा गली बनारस की; 'एक टूकड़ा धूप' ने उन्हें सशक्त पहचान दी)

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    4- इस सम्मान के लिए चुने जाने के लिए दिल से बधाई देता हूं। आज जिस विषय पर गृह मंत्री ने घुसपैठ के बारे में बात की, जिससे लोकतंत्र व संस्कृति को हानि होती है। यह ज्वलंत मुद्दा है। इस आयोजन के अनुभव बहुत ही अच्छे रहे। - विक्रम संपत, लेखक, (संपत विद्वान और लोकप्रिय इतिहासकार हैं। कर्नाटक में जन्मे संपत ने वर्ष 2012 में गौहर जान की जीवनी लिखकर आलोचकों को चौंकाया। इसके लिए उन्हें साहित्य अकादमी से अंग्रेजी साहित्य में युवा पुरस्कार मिला)

    5- दैनिक जागरण नीलसन सर्वेक्षण ने दिसंबर 2023 में हिंदी बेस्टसेलर की सूची में मेरे उपन्यास को दूसरे स्थान पर रखा था। इसके बाद मुझे साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला। आज दैनिक जागरण की ओर से सम्मान मिला है। ऐसे कार्यक्रम साहित्य में आने वाले युवा के लिए बहुत जरूरी हैं।- अतुल कुमार राय, लेखक (यूपी के बलिया के रहने वाले हैं। उन्होंने 2022 में हिंदी उपन्यास चांदपुर की चंदा लिखा, जो इंटरनेट मीडिया पर युवाओं द्वारा खूब सराहा गया। उन्होंने इस वायरल प्रेम कहानी के इर्द-गिर्द एक ग्रामीण संस्कृति और समाज की जटिलताओं को दर्शाया।)

    6- दैनिक जागरण साहित्य और साहित्यकारों को प्रोत्साहन दे रहा है। सम्मान पाकर बहुत अच्छा लगा। लेखन के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए यह पहल जड़ी-बूटी का काम करेगी।-मेजर डॉ. परशुराम गुप्त, लेखक (रायबरेली जिले के रहने रहने वाले हैं। कथेतर साहित्य लिखते हैं। इनकी अब तक 24 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इन्हें 11 सम्मान प्राप्त हो चुके हैं)

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    7- अब के दौर में अपना साहित्य बेचने के लिए साहित्यकारों को मार्केटिंग करनी पड़ती है। वहीं दैनिक जागरण साहित्यकारों को सम्मान दे रहा है। यह उत्कृष्ट पहल साहित्य की प्रगति के लिए अच्छी है। मुझे सम्मान पाकर सुखद अनुभूति हुई।- अक्षत गुप्ता, लेखक (उपन्यासकार, पटकथा लेखक, प्रेरक वक्ता और गीतकार हैं। अपनी पौराणिक-विज्ञान कथा श्रृंखला 'द हिडेन हिंदू' के लिए जाने जाते हैं। वह अपनी मनोरंजक कहानी कहने की शैली के लिए प्रसिद्ध हैं। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर के रहने वाले हैं)

    8- मुझे याद है कि वर्ष 2003 में दैनिक जागरण अखबार में पहली बार नाम आया था और पिताजी अपने दोस्तों को दिखा रहे थे। उस दौरान पिताजी के मित्र कहते थे कि लड़का नचनिया हो गया है तो वह इन बातों को गंभीरता से नहीं लेते थे।- परितोष त्रिपाठी, लेखक (देवरिया के एक छोटे से कस्बे से निकलकर बड़े पर्दे और टीवी की दुनिया में पहचान बनाने वाले अभिनेता, कॉमेडियन व एंकर परितोष त्रिपाठी मनोरंजन जगत का जाना-माना चेहरा हैं। वह बेहतरीन लेखक और कवि भी हैं)

    9- दैनिक जागरण के 'हिंदी हैं हम' अभियान के तहत आयोजित समारोह में सम्मानित होना बड़ा सौभाग्य है। पर, सबसे पहले, दिवंगत नरेन्द्र मोहन जी को सादर नमन। वह न केवल दैनिक जागरण के पूर्व संपादक थे, बल्कि हिंदी साहित्य के प्रखर प्रचारक भी रहे। - पीयूष मिश्रा, लेखक, गीतकार व कलाकार(ग्वालियर से निकलकर एनएसडी तक का सफर तय किया। एक बहुमुखी अभिनेता, गीतकार, गायक, पटकथा लेखक और थियेटर कलाकार हैं। गैंग्स आफ वासेपुर, मकबूल और गुलाल जैसी फिल्मों के लिए जाने जाते हैं)

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