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दैनिक जागरण के प्रधान संपादक संजय गुप्त लोकमान्य तिलक पत्रकारिता पुरस्कार से सम्मानित

दैनिक केसरी के 139वें स्थापना दिवस पर शनिवार को दैनिक जागरण के प्रधान संपादक संजय गुप्त को लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पत्रकारिता पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 04 Jan 2020 09:57 PM (IST)Updated: Sun, 05 Jan 2020 07:30 AM (IST)
दैनिक जागरण के प्रधान संपादक संजय गुप्त लोकमान्य तिलक पत्रकारिता पुरस्कार से सम्मानित
दैनिक जागरण के प्रधान संपादक संजय गुप्त लोकमान्य तिलक पत्रकारिता पुरस्कार से सम्मानित

मुंबई, राज्य ब्यूरो। भारतीय स्वतंत्रता इतिहास में धर्म और राष्ट्रीयता के विचारों की पैरवी लोकमान्य तिलक ने की थी। आज उनकी इसी भूमिका को दैनिक जागरण अपनी ध्येयवादी पत्रकारिता से आगे बढ़ा रहा है। यह बात शनिवार को पुणे में दैनिक केसरी के न्यासी संपादक दीपक तिलक ने कही। दैनिक केसरी के 139वें स्थापना दिवस पर शनिवार को दैनिक जागरण के प्रधान संपादक संजय गुप्त को लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पत्रकारिता पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

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पुरस्‍कार के लिए संजय गुप्त के अलावा कोई दूसरा नाम सामने नहीं आया

दीपक तिलक ने इस अवसर पर लोकमान्य तिलक की पत्रकारिता और दैनिक जागरण की पत्रकारिता की एकरूपता को उजागर करते हुए कहा कि जब इस बार यह पुरस्कार देने पर विचार शुरू हुआ तो उनके सामने दैनिक जागरण के प्रधान संपादक संजय गुप्त के अलावा कोई दूसरा नाम सामने नहीं आया। सम्मान में लोकमान्य तिलक की प्रतिमा, शॉल, श्रीफल, मानपत्र के अलावा एक लाख रुपये नकद प्रदान किए जाते हैं। सम्मान समारोह का आयोजन लोकमान्य तिलक के निवास और केसरी का कार्यालय रहे तिलकवाड़ा में किया गया था।

संजय गुप्‍त बोले, पुरस्‍कार एक आशीर्वचन और एक बड़ी जिम्मेदारी

सम्मान ग्रहण करने के बाद समारोह को संबोधित करते हुए संजय गुप्त ने कहा कि यह उनके लिए केवल एक सम्मान नहीं बल्कि एक आशीर्वचन और एक बड़ी जिम्मेदारी भी है। यह पुरस्कार लोकमान्य तिलक जी की कसौटी पर खरे उतरने का मार्गदर्शन भी है। भविष्य में हमें अपने आप से यह सवाल जरूर पूछते रहना होगा कि हम इस कसौटी पर खरे उतर रहे हैं या नहीं।

राष्ट्रीयता की इसी भावभूमि पर खड़ा है दैनिक जागरण

उन्होंने आगे कहा कि मैं यहां स्वतंत्रता आंदोलन के नायक रहे लोकमान्य बालगंगाधर तिलक जी की कर्मभूमि पर आकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं। संजय गुप्त ने आगे कहा कि गणेश चतुर्थी और शिवाजी जयंती जैसे उत्सवों से ब्रिटिश शासन के खिलाफ जनांदोलन खड़ा करने की बात हो या स्वदेशी के उपयोग और ब्रिटिश वस्तुओं के बहिष्कार की, मैं राष्ट्रीयता की इसी भावभूमि पर दैनिक जागरण को भी खड़ा पाता हूं।

पत्रकारिता धर्म से कभी समझौता नहीं किया

हालांकि केसरी का प्रकाशन दैनिक जागरण से 60 वर्ष पहले प्रारंभ हो गया था, लेकिन उसके प्रकाशन की पृष्ठभूमि केसरी के समान ही थी। इस अवसर पर संजय गुप्त ने आपातकाल के दौरान दैनिक जागरण की भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि इस पत्र ने पत्रकारिता धर्म से कभी समझौता नहीं किया। चाहे परिस्थितियां कितनी भी प्रतिकूल रही हों। दैनिक जागरण समूह एक आस्थावान, राष्ट्रभक्त और भारतीय मूल्यों का संवाहक समूह है, जिसके संस्कारों में सनातन भारतीयता है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बालासाहब थोरात और पुणे के महापौर मुरलीधर मोहोल भी उपस्थित थे।


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