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    चक्रवात मोंथा का कहर: भारी बारिश और तेज आंधी से तबाही, पूरे आंध्र प्रदेश में अलर्ट

    Updated: Tue, 28 Oct 2025 08:15 PM (IST)

    तेज़ गति से आगे बढ़ रहा चक्रवात 'मोंथा' आंध्र प्रदेश के तट से टकराया, जिससे भारी बारिश और तेज़ हवाएँ चलीं। कई उड़ानें और ट्रेनें रद्द कर दी गईं, और मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के लिए चेतावनी जारी की है। इस तूफान का असर उत्तर भारत तक भी पहुंचने की संभावना है, जिससे कई राज्यों में बारिश हो सकती है।

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    भारी बारिश और तेज आंधी से तबाही (फोटो सोर्स- पीटीआई)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बेहद तेज रफ्तार से गंभीर चक्रवात के रूप में आगे बढ़ रहा 'मोंथा' मंगलवार रात आंध्र प्रदेश के काकीनाडा और मछलीपट्टनम तट के बीच टकरा गया। बंगाल की खाड़ी से उठे इस तूफान ने जब तटीय इलाकों को पार किया, तब हवाओं की गति लगभग 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच गई।

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    इस दौरान तेज बारिश और आंधी से पेड़ उखड़ गए। बिजली आपूर्ति ठप हो गई और हवाई व रेल सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं। भारतीय मौसम विभाग (आइएमडी) ने इसे गंभीर चक्रवाती तूफान करार देते हुए अगले 24 घंटे तक सतर्कता बरतने की चेतावनी दी है। इस तूफान का नाम थाइलैंड ने मोंथा दिया है, जिसका अर्थ थाई भाषा में सुगंधित पुष्प है।

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    देश के कई हिस्सों में चिंता बना मोंथा

    अरब सागर में भी समानांतर रूप से बने एक निम्न दबाव के क्षेत्र के आगे बढ़ने के चलते मोंथा तूफान देश के कई हिस्सों में तबाही और चिंता का कारण बन गया है। देश के दोनों तटीय क्षेत्रों में जनजीवन अस्त-व्यस्त है, जबकि उत्तर भारत में इसके प्रभाव से मौसम में अचानक बदलाव देखा जा रहा है।

    फिलहाल, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु और बंगाल के कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। आंध्र के तटीय क्षेत्रों में सैकड़ों घरों एवं पेड़ों को नुकसान पहुंचा है। विशाखापट्टनम हवाई अड्डे से मंगलवार को सभी 32 उड़ानें रद्द कर दी गईं हैं।

    रोकी गई उड़ानें

    विजयवाड़ा और तिरुपति एयरपोर्ट से भी दर्जनों उड़ानें रोक दी गई हैं। रेलवे ने दक्षिण-मध्य और पूर्वी तटीय ट्रैक पर सौ से ज्यादा ट्रेनें रद्द कर दी हैं। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने तीनों जोन ईस्ट कोस्ट, साउथ कोस्ट और साउथ सेंट्रल को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यात्रियों की सुरक्षा, आपूर्ति श्रृंखला बनाए रखने और राहत कार्यों की तत्काल बहाली के लिए डिवीजनल वार रूम को सक्रिय कर दिया है।

    आइएमडी के अनुसार मोंथा का असर केवल तटीय इलाकों तक सीमित नहीं रहेगा। बंगाल की खाड़ी से उठे इस सिस्टम ने देश के कई हिस्सों के मौसम को प्रभावित किया है। ओडिशा और बंगाल में भारी बारिश के साथ तूफानी हवाएं चल रही हैं। कोलकाता और दक्षिण बंगाल के जिलों मेदिनीपुर, पुरुलिया, बर्दवान, बीरभूम और मुर्शिदाबाद में 31 अक्टूबर तक भारी वर्षा की चेतावनी है।

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    मौसम वैज्ञानिकों ने क्या कहा?

    समुद्र में ऊंची लहरों के कारण मछुआरों को समुद्र में न जाने की सख्त हिदायत दी गई है। चक्रवात का असर अगले एक-दो दिनों में उत्तर भारत तक पहुंचेगा। अरब सागर में मौसमी सिस्टम के असर से राजस्थान के कई हिस्से में पहले से ही मूसलाधार बारिश हो रही है।

    मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि दो दिनों तक राजस्थान, मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों एवं उत्तर प्रदेश के बड़े हिस्से में असर दिखेगा। बुधवार तक मध्य प्रदेश में भी बारिश शुरू हो जाएगी। बिहार और झारखंड में भी बारिश होगी। दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा में भी अगले 48 घंटे में हल्की बारिश और बादल छाए रहने की संभावना जताई गई है, जिससे तापमान में गिरावट आएगी और प्रदूषण स्तर में अस्थायी सुधार देखने को मिल सकता है।

    कब तक मौसम हो सकता है प्रभावित

    आइएमडी का कहना है कि बुधवार तक चक्रवात कमजोर होकर गहरे दबाव के क्षेत्र में बदल जाएगा, लेकिन इसके अवशेष उत्तर दिशा में बढ़ते हुए उत्तर भारत के मौसम को और दो-तीन दिनों तक प्रभावित कर सकते हैं।

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