Cyclone Biparjoy: भारत का पिछले 10 सालों में इन बड़े चक्रवात से हुआ था सामना, अब कहर बरपा रहा बिपरजॉय
मौसम विभाग द्वारा समय रहते सटीक चेतावनी ने चक्रवातों से होने वाले नुकसान को कम से कम करने में अहम भूमिका निभाई वरना स्थिति और भयावह होती। आपदा तैयारी ने लाखों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में मदद की थी।

नई दिल्ली, टीम जागरण। फानी, एम्फन से लेकर बिपरजॉय तक भारत ने बीते दस वर्षों में कई समुद्री चक्रवात झेले हैं। इनमें से अधिकांश चक्रवातों की उत्पत्ति बंगाल की खाड़ी के ऊपर होती है और ये भारत के पूर्वी तट से टकराते हैं। हालांकि पिछले कुछ दशकों में अरब सागर में चक्रवातों की आवृत्ति, अवधि और तीव्रता में काफी वृद्धि हुई है। एक शोध के अनुसार विश्व के करीब आठ प्रतिशत ट्रापिकल साइक्लोन (उष्णकटिबंधीय चक्रवात) भारत में आते हैं। यहां कुल तटीय क्षेत्र 7, 516 किमी तक विस्तारित हैं। चक्रवात इन्हीं तटों से टकराते हैं। हर साल भारत का 2-3 गंभीर चक्रवात से सामना होता है।
समय रहते चेतावनी से हुई रक्षा
मौसम विभाग द्वारा समय रहते सटीक चेतावनी ने चक्रवातों से होने वाले नुकसान को कम से कम करने में अहम भूमिका निभाई, वरना स्थिति और भयावह होती। आपदा तैयारी ने लाखों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में मदद की थी। वरदा चक्रवात आने से काफी पहले संवेदनशील क्षेत्रों से लोगों को निकाल लिया गया था। फेलिन ने कृषि व आजीविका को व्यापक नुकसान पहुंचाया था।
इन राज्यों पर चक्रवात का साया
पूर्वी तट पर तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, बंगाल और पश्चिमी तट पर केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गोवा, गुजरात और कुछ केंद्र शासित प्रदेशों पर ज्यादा चक्रवात का खतरा रहता है। यहां 32 करोड़ लोग इसके प्रभाव की चपेट में रहते हैं।
पिछले 10 वर्षों में कई बड़े चक्रवात से हुआ भारत का सामना
2013 चक्रवात फेलिन
200 किमी प्रति घंटा थी हवा की गति
1.32 लाख लोग प्रभावित हुए 44 की मृत्यु हुई
2014 चक्रवात हुदहुद
215 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चली हवा ने आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में तबाही मचाई।
124 लोगों की जान ले ली और इमारतों, सड़कों और पावर ग्रिड को काफी नुकसान पहुंचाया।
2016 चक्रवात वरदा
155 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा ने तमिलनाडु में बुनियादी ढांचे, पेड़ों और बिजली आपूर्ति को व्यापक नुकसान पहुंचाया।
गंभीर चक्रवाती तूफान ने चेन्नई में 18 लोगों की जान ले ली थी।
2019 चक्रवात फानी
175 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से भारत के पूर्वी तट पर तबाही मचाई
अत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान ने 64 लोगों की जान ले ली।
2020 चक्रवात एम्फन
1999 के बाद एम्फन बंगाल की खाड़ी के ऊपर पहला सुपर साइक्लोन था।
1,147 अरब का आर्थिक नुकसान हुआ भारत और बांग्लादेश में। 129 से अधिक लोगों की जान गई।
2021 चक्रवात टाक्टे
2 दशकों में सबसे मजबूत चक्रवात था।
185 किमी प्रति घंटे से अधिक हवा की रफ्तार थी।
100 से अधिक लोगों की जान गई थी।
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