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    CUET परीक्षा देने वाले छात्रों को बड़ी राहत, एनटीए करने जा रहा ये काम; क्या है पूरा मामला?

    Updated: Tue, 04 Nov 2025 10:00 PM (IST)

    विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए होने वाली सीयूईटी परीक्षा इस बार पहले हो सकती है। शिक्षा मंत्रालय एनटीए के साथ मिलकर परीक्षा प्रक्रिया को 15 जून तक पूरा करने पर विचार कर रहा है। विश्वविद्यालयों ने परिणाम में देरी पर आपत्ति जताई थी, जिससे शैक्षणिक सत्र देर से शुरू हो रहा है। सीयूईटी का उद्देश्य छात्रों को प्रवेश परीक्षाओं के बोझ से बचाना है।

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    CUET परीक्षा देने वाले छात्रों को बड़ी राहत। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए आयोजित होने वाली संयुक्त विश्वविद्यालयीन प्रवेश परीक्षा (सीयूइटी) इस बार थोड़ा पहले हो सकती है। विश्वविद्यालयों की आपत्ति के बाद शिक्षा मंत्रालय ने एनटीए के साथ इसे लेकर मंथन तेज किया है।

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    जिसमें परीक्षा की पूरी प्रक्रिया को अब करीब पंद्रह जून तक पूरा कराया जा सकता है। इस साल यह परीक्षा 13 मई से चार जून तक हुई थी, जबकि परिणाम चार जुलाई को घोषित हुआ था। उसके बाद काउंसिल शुरू हुई थी। हालांकि इसे लेकर कोई भी अंतिम निर्णय जेईई मेन और एडवांस जैसी परीक्षाओं के कार्यक्रम को देखते हुए लिया जाएगा।

    एनटीए के साथ शिक्षा मंत्रालय ने शुरू किया मंथन

    शिक्षा मंत्रालय ने एनटीए के साथ मिलकर यह इसे लेकर यह मंथन तब शुरू किया है, जब केंद्रीय विश्वविद्यालयों सहित सीयूईटी के जरिए अपने यहां प्रवेश देने वाले दूसरे प्रमुख विश्वविद्यालयों ने सीयूइटी के परिणाम में देरी का मुद्दा उठाया और आपत्ति दर्ज कराई कि इससे चलते उनका शैक्षणिक सत्र देरी से शुरू हो पा रहा है। इसके साथ ही इस देरी के चलते उनकी बड़ी संख्या में सीटें भी खाली रह जा रही है।

    देरी के कारण बड़ी संख्या में छात्र लेते हैं दूसरे संस्थानों में प्रवेश

    विश्वविद्यालयों का कहना है कि इस देरी के चलते बड़ी संख्या में छात्र अपने प्रवेश को सुनिश्चित करने के लिए दूसरे संस्थानों में प्रवेश ले लेते है। जो बाद में सीयूईटी में नाम आने के बाद भी लौट कर नहीं आते है।

    सूत्रों के मुताबिक तमाम प्रयासों के बाद भी सिर्फ दिल्ली विश्वविद्यालय में इस बार करीब सात हजार सीटें इस बार खाली रह गई। देश के दूसरे केंद्रीय विश्वविद्यालयों और विश्वविद्यलायों की भी कमोवेश कुछ ऐसी ही स्थिति थी। एनटीए से जुड़े सूत्रों के मुताबिक इस स्थिति से निपटने के लिए विकल्प खोजे जा रहे है। ताकि विश्वविद्यालयों को किसी तरह की असहज स्थिति से न जूझना पड़े।

    क्या है सीयूईटी का उद्देश्य?

    गौरतलब है कि शिक्षा मंत्रालय ने सीयूइटी की शुरूआत छात्रों को अलग-अलग विश्वविद्यालयों के प्रवेश परीक्षाओं और आर्थिक बोझ से बचाने के लिए शुरू की थी। जिसमें वह सिर्फ एक परीक्षा देकर किसी भी विश्वविद्यालय में प्रवेश पा सकेंगे। अबतक सीयूइटी से सभी केंद्रीय विश्वविद्यालय सहित देश भर के करीब दो सौ विश्वविद्यालय जुड़ चुके है। जो अपने यहां प्रवेश सीयूइटी की मेरिट के आधार पर ही देते है।