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    पहलगाम हमले के बाद CCS की बैठक, सीमा पार जवाबी कार्रवाई की तैयारियों को लेकर क्या हुई चर्चा?

    Updated: Wed, 30 Apr 2025 07:15 PM (IST)

    सीसीएस की बैठक में पहलगाम आतंकी हमले के बाद सीमा पार जवाबी कार्रवाई की तैयारियों पर चर्चा हुई। साथ ही जम्मू-कश्मीर की आंतरिक सुरक्षा और सीमा पर सैन्य सुरक्षा की समीक्षा की गई। प्रधानमंत्री ने मंगलवार को सेनाओं को जवाबी कार्रवाई की खुली छूट दी थी। सीसीएस की बैठक से पहले सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड का पुनर्गठन किया और पूर्व रॉ प्रमुख आलोक जोशी को अध्यक्ष नियुक्त किया।

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    पीएम की अध्यक्षता में दूसरी बैठक (पीटीआई)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की सुरक्षा मामलों की समिति (CCS) की बैठक में पहलगाम आतंकी हमले के बाद सीमा पार की जाने वाली संभावित जवाबी कार्रवाई की तैयारियों पर चर्चा हुई। साथ ही इस बैठक में जम्मू-कश्मीर की समग्र आंतरिक सुरक्षा से लेकर सीमा पर सैन्य सुरक्षा की वर्तमान स्थितियों की समीक्षा भी की गई।

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    कौन हैं एनएसबी के अध्यक्ष आलोक जोशी?

    पहलगाम आतंकी हमले के गुनहगारों को सबक सिखाने के लिए मंगलवार को प्रधानमंत्री द्वारा भारतीय सेनाओं को जवाबी कार्रवाई की खुली छूट दिए जाने के बाद सीसीएस की यह पहली बैठक थी। भारत-पाकिस्तान के बीच सीमा पर गहराते तनाव के बीच सीसीएस की इस बैठक से पहले सुरक्षा रणनीति को चाक-चौबंद करने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (NSB) का बुधवार को पुनगर्ठन करते हुए खुफिया एजेंसी रॉ के पूर्व प्रमुख आलोक जोशी को इसका अध्यक्ष नियुक्त कर दिया।

    साथ ही सरकार ने तीनों सेनाओं के एक-एक वरिष्ठ सेवानिवृत अधिकारियों तथा एक पूर्व राजनयिक तथा एक पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को एनएसएबी में सदस्य नियुक्त करने का निर्णय लिया है। वहीं कैबिनेट की बैठक के उपरांत प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई सीसीएस की बैठक में जम्मू-कश्मीर के साथ ही देश की संपूर्ण पश्चिमी सीमाओं की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की गई।

    CCS की दूसरी बैठक में क्या हुआ फैसला?

    पहलगाम आतंकी हमले के बाद सीसीएस की यह दूसरी बैठक इस लिहाज से अहम रही कि मंगलवार को रक्षामंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ हुई शीर्ष स्तरीय बैठक में प्रधानमंत्री ने तीनों सेनाओं को पहलगाम हमले के परिप्रेक्ष्य में जवाबी सैन्य कार्रवाई की पूरी छूट दे दी थी। आतंकवाद को करारा जवाब देने के राष्ट्र के संकल्प को दोहराते हुए पीएम ने इस बैठक में सेनाओं की पेशेवर क्षमता पर पूरा भरोसा जताते कहा था कि हमारी जवाबी कार्रवाई का तरीका, टारगेट और समय इस तरह के सभी ऑपरेशनल निर्णय लेने के लिए सैन्य बलों को खुली छूट है।

    CCS की बैठक में कौन-कौन थे शामिल?

    सीसीएस की बुधवार को हुई बैठक में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, विदेशमंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल मौजूद थे। पहलगाम हमले के बाद बुधवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड में किया गया बदलाव इस रणनीति के हिसाब से महत्वपूर्ण है कि भारतीय सैन्य बलों की ओर से आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की संभावनाएं प्रबल हैं।

    बताया जाता है कि जोशी के अलावा पश्चिमी एयर कमान के पूर्व कमांडर एयर मार्शल पीएम सिन्हा, सेना के दक्षिणी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल ए के सिंह और नौसेना के पूर्व रियर एडमिरल मोंटी खन्ना को बोर्ड का सदस्य बनाया गया है। जबकि पूर्व राजनयिक बी वेंकटेश वर्मा और पूर्व आईपीएस राजीव रंजन वर्मा भी इसके सदस्य नियुक्त किए गए हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड एक परामर्शी निकाय है जो देश की सुरक्षा से जुड़े मामलों में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय को रणनीतिक इनपुट प्रदान करता है।

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