क्रिप्टोकरेंसी इंवेस्टमेंट के नाम पर ठगी, इन 26 वेबसाइट से हो रहा था खेल; कहीं आपने भी तो नहीं किया निवेश?
ईडी ने क्रिप्टोकरेंसी निवेश के नाम पर ठगी करने वाले एक अखिल भारतीय सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है। 26 फर्जी वेबसाइटों की पहचान की गई है जो निवेशकों को अ ...और पढ़ें

भारत व विदेशों में रहने वाले निवेशकों को निशाना बना रहे थे स्केमर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ईडी ने क्रिप्टोकरेंसी निवेश के नाम पर बड़े पैमाने पर ठगी करने वाले एक अखिल भारतीय सिंडिकेट का भंडाफोड़ करते हुए 26 फर्जी वेबसाइटों की पहचान की है। ये वेबसाइटें असली निवेश प्लेटफार्म की नकल कर लोगों को असाधारण मुनाफे का लालच देती थीं और भारत व विदेशों में रहने वाले निवेशकों को निशाना बना रही थीं।
ईडी के अनुसार आरोपित भारतीय नागरिकों के साथ-साथ विदेशी निवेशकों से भी धन जुटा रहे थे। निवेश की आड़ में अधिकतर राशि क्रिप्टोकरेंसी के रूप में ली जाती थी। जांच में सामने आया कि गोल्डबुकर डाट काम, फिनकार्प डाट काम, वोजुर डाट काम, दएपेक्सपावर डाट काम, माइगोल्डरेव डाट काम सहित कुल 26 वेबसाइटों का इस्तेमाल इस ठगी के लिए किया गया।
नामी क्रिप्टो विशेषज्ञों की तस्वीर इस्तेमाल की
एजेंसी ने बताया कि आरोपितों ने प्रचार के लिए नामी क्रिप्टो विशेषज्ञों और मशहूर हस्तियों की तस्वीरें बिना अनुमति के इस्तेमाल कीं। शुरुआती निवेशकों को कुछ रिटर्न देकर भरोसा जीता गया, ताकि वे और लोगों को जोड़ें।
यह तरीका मल्टी लेवल मार्केटिंग (एमएलएम) जैसी योजना पर आधारित था। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म- फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप और टेलीग्राम- का जमकर उपयोग कर योजनाओं का प्रचार किया गया और रेफरल बोनस के जरिए ठगी का दायरा बढ़ाया गया।
ईडी के मुताबिक आरोपियों ने कई क्रिप्टो वालेट, विदेशी बैंक खाते और फर्जी कंपनियां बनाकर अपराध की आय (पीओसी) को छिपाया। धन को भारत लाने के लिए हवाला, एंट्री ऑपरेटरों और पीयर-टू-पीयर (पी2पी) क्रिप्टो ट्रांसफर का सहारा लिया गया। यह नेटवर्क 2015 से सक्रिय था और इससे अर्जित धन से भारत व विदेशों में चल-अचल संपत्तियां बनाई गईं।
(न्यूज एजेंसी एएनआई के इनपुट के साथ)

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