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वर्दी के अपमान पर संसद से सड़क तक कोहराम

छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सली हमले में जान गंवाने वाले जवानों की वर्दी को कचरे में फेंकने के मामले में गुरुवार को संसद से सड़क तक कोहराम मचा रहा। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने छत्तीसगढ़ सरकार को मामले की जांच कर दोषियों को दंडित करने का निर्देश दिया है।

By manoj yadavEdited By: Published: Thu, 04 Dec 2014 08:26 PM (IST)Updated: Fri, 05 Dec 2014 12:18 AM (IST)
वर्दी के अपमान पर संसद से सड़क तक कोहराम

नईदिल्ली/रायपुर, [ब्यूरो]। छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सली हमले में जान गंवाने वाले जवानों की वर्दी को कचरे में फेंकने के मामले में गुरुवार को संसद से सड़क तक कोहराम मचा रहा। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने छत्तीसगढ़ सरकार को मामले की जांच कर दोषियों को दंडित करने का निर्देश दिया है। गृह मंत्री ने बताया कि शहीद जवानों की वर्दी कचरे में फेंके जाने की अपमानजनक घटना की जानकारी होने पर उन्होंने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह से बात की है। उन्होंने कहा है कि इस मामले की जांच कराकर जिम्मेदारी तय करें और दोषियों को दंडित करें। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सुरक्षा बल राज्य के हों या केंद्र के, उन्हें उचित सम्मान दिया जाना चाहिए। सीआरपीएफ ने भी मामले पर जांच बैठाई है।

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सीआरपीएफ के डीजी एससी तयाल ने बताया कि नक्सल आईजी (ऑपरेशन) मामले की जांच के लिए एक डीआईजी स्तर के अधिकारी को नियुक्त करेंगे। जांच रिपोर्ट जल्द ही पेश होगी। साथ ही अंबेडकर अस्पताल प्रशासन ने भी इस मामले में जांच कमेटी बना दी है।

इस बीच, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने रायपुर कलेक्टर को मामले की दण्डाधिकारी जांच के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ठाकुर राम सिंह ने रायपुर के अनुविभागीय दण्डाधिकारी (एसडीएम) सुरेश कुमार अग्रवाल को जांच अधिकारी नियुक्त करने का आदेश जारी कर दिया। जांच अधिकारी को 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। पोस्टमार्टम के बाद शहीदों के जूते, वर्दी और अन्य सामग्री के निस्तारण का क्या तरीका है? अम्बेडकर अस्पताल रायपुर में पोस्टमार्टम के बाद शहीद जवानों के जूते, वर्दी एवं अन्य सामग्री का निस्तारण किस तरह किया गया? यदि शहीद जवानों के जूते, वर्दी और अन्य सामग्री मरच्युरी के बाहर रखी गई थी, तो इस घटना के लिए कौन जिम्मेदार है आदि बिंदुओं पर जांच होगी।

कहीं राजनीति तो नहीं!

रायपुर से लौटे सीआरपीएफ के डीजी एससी तयाल ने बताया कि हमने यह पता लगाने के लिए जांच बैठाई है कि आखिर यह हुआ कैसे? उन्होंने कहा कि शहीदों के प्रति मेरा पूरा सम्मान है। यदि शहीदों के परिवारों से खेद प्रकट करने की जरूरत पड़ी तो मैं वह भी करूंगा। सामान्य तौर पर ऐसे मामलों में ये (वर्दी तथा बूट) सामान पुलिस के जांच अधिकारी लेते हैं। छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ के आईजी एचएस सिद्धू ने कहा कि जांच जल्द पूरी हो जाएगी तथा रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी जाएगी।

साभार-नई दुनिया


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