कसाब पर खर्च पचास करोड़, फांसी महज पचास रुपये में!
मुंबई हमले में दोषी आतंकी अजमल कसाब को जेल की सलाखों के पीछे रखने में महाराष्ट्र सरकार करीब पचास करोड़ रुपये का खर्च कर चुकी है, लेकिन उसकी फासी पर केवल पचास रुपये का ही खर्च हुआ। ऐसा हम नहीं बल्कि हमारे देश का कानून कहता है जिसके मुताबिक किसी अपराधी को फासी देने के लिए बजट में केवल पचास ही रुपये का ही प्रावधान है।
नई दिल्ली। मुंबई हमले में दोषी आतंकी अजमल कसाब को जेल की सलाखों के पीछे रखने में महाराष्ट्र सरकार करीब पचास करोड़ रुपये का खर्च कर चुकी थी, लेकिन उसकी फासी पर केवल पचास रुपये का ही खर्च हुआ। ऐसा हम नहीं बल्कि हमारे देश का कानून कहता है जिसके मुताबिक किसी अपराधी को फासी देने के लिए बजट में केवल पचास ही रुपये का ही प्रावधान है।
मुंबई हमलों में एकमात्र पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकी अजमल कसाब पर सरकार रोज करीब 3.5 लाख रुपये खर्च कर रही थी। इसमें कसाब का खाना, सुरक्षा, स्पेशल सेल, वकील का खर्च शामिल था।
कुछ महीनों पहले प्रशासन की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक कसाब और उसकी सुरक्षा में लगे लोगों के खाने-पीने पर अब तक 34,975 रुपये और मेडिकल पर 28,066 रुपये खर्च हुए थे। इसी तरह उसे जिस जेल में रखा गया था, उसे बम व बुलेट प्रुफ बनाने पर करीब 5 करोड़ 25 लाख रुपये खर्च हुए थे।
इसके अलावा महाराष्ट्र पुलिस के जो अधिकारी व कर्मचारी कसाब की सुरक्षा में तैनात थे। उनके वेतन पर 1,22,18,406 रुपये सरकार ने खर्च किये हैं। इन सबक के अलावा भारत-तिब्बत सीमा पुलिस [आईटीबीपी] के जवान भी कसाब की सुरक्षा में दिन-रात तैनात किए गए थे। इन पर कुल 19 करोड़ 28 लाख रुपये का खर्च आया है।
गौरतलब है कि देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पर 26 नवंबर 2008 की रात को दस पाकिस्तानी आतंकियों ने आत्मघाती हमला किया था। समुद्र के रास्ते मुंबई में घुसे इन आतंकियों ने छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, ताज महल होटल, ट्राइडेंट होटल, कामा अस्पताल के भीतर व बाहर सैकड़ों मासूम लोगों को गोलियों से भूना था। 10 आतंकियों में से एक आतंकी मोहम्मद अजमल आमिर कसाब को गिरफ्तार कर लिया गया था।
हालाकि उसे मुंबई की विशेष अदालत के साथ-साथ मुंबई हाईकोर्ट ने भी 26/11 के आत्मघाती हमले का दोषी करार देते हुए फासी की सजा सुनाई थी।
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