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इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में हर महीने 20 हजार तक नए रोजगार का सृजन, मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में बढ़ रहे हैं निवेश

इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन व मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में हर महीने निवेश भी बढ़ रहा है। मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक इस सेक्टर में स्पेशल इंसेंटिव स्कीम के तहत इस साल जुलाई तक आवेदकों ने 31606 करोड़ रुपए का निवेश किया था जो अगस्त में बढ़कर 31943 करोड़ हो गया।

By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarPublished: Fri, 18 Nov 2022 08:50 PM (IST)Updated: Fri, 18 Nov 2022 08:50 PM (IST)
देश में इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन व मैन्यूफैक्चरिंग में हो रही है बढ़ोतरी। (फाइल फोटो)

राजीव कुमार, नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में इन दिनों हर महीने 20 हजार तक प्रत्यक्ष रूप से नई नौकरियां निकल रही हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन व मैन्यूफैक्चरिंग के लिए सरकार की तरफ से दिए जाने वाले विशेष प्रोत्साहन की वजह से हर महीने इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में निवेश भी बढ़ रहा है। इसके अलावा वर्ष 2020 में शुरू होने वाली प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम के तहत उत्पादन व निर्यात बढ़ाने पर मिलने वाले इंसेंटिव से भी इस सेक्टर में तेजी आई है। यही वजह है कि पिछले महीने वस्तुओं के कुल निर्यात में 16.6 फीसद की गिरावट रही, लेकिन इलेक्ट्रॉनिक्स वस्तुओं के निर्यात में पिछले साल अक्टूबर के मुकाबले 37.62 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

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इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक इस साल जुलाई से हर महीने कमोबेश इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन व मैन्यूफैक्चरिंग में 8-20 हजार तक नई नौकरियां निकल रही हैं। मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक गत जुलाई में इस सेक्टर में 2,99,787 लोग नौकरी कर रहे थे। इस साल अगस्त में यह संख्या बढ़कर 3,17,362 हो गई। सितंबर में इस सेक्टर में 3,25,704 लोग रोजगार में थे और अक्टूबर में यह संख्या बढ़कर 3,45,571 हो गई।

मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में बढ़ रहे हैं निवेश 

इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन व मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में हर महीने निवेश भी बढ़ रहा है। मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक इस सेक्टर में स्पेशल इंसेंटिव स्कीम के तहत इस साल जुलाई तक आवेदकों ने 31,606 करोड़ रुपए का निवेश किया था, जो अगस्त में बढ़कर 31,943 करोड़ हो गया। इस साल सितंबर में यह निवेश 32,541 करोड़ तक पहुंच गया और अक्टूबर में 1000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया गया और यह स्तर 33,506 करोड़ रुपए तक पहुंच गया।

मंत्रालय के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में निर्यात बढ़ने से पिछले दो साल में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर की स्थापना में भी तेजी आई है। पिछले साल सितंबर में देश भर में 33 इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्च¨रग क्लस्टर काम कर रहे थे। इस साल सितंबर तक यह संख्या बढ़कर 44 हो गई।

भारत में हो सकता है एप्पल प्रोडक्ट्स का अधिक उत्पादन 

पिछले साल इलेक्ट्रॉनिक्स क्लस्टर में 44,119 करोड़ रुपए का निवेश किया गया था जो इस साल सितंबर तक बढ़कर 60,554 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। विशेषज्ञों का कहना है कि इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर निर्माण के लिए होने वाले निवेश में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी रहेगा। चीन में एप्पल का निर्माण कोरोना नीति से प्रभावित होने की वजह से भारत में अब एप्पल का अधिक उत्पादन हो सकता है।

ताइवान की कई इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियां भारत में जल्द ही निवेश की घोषणा कर सकती है क्योंकि फॉक्सकॉन व विस्ट्रान जैसी कंपनियों के भारत में आने के बाद छोटे-मोटे पा‌र्ट्स बनाने वाली कंपनियां भी भारत में आने को तैयार है। सेमीकंडक्टर का उत्पादन भी नए साल में शुरू हो सकता है। लैपटॉप, आईपैड जैसे आइटम भी अब भारत में बनने लगेंगे जिनका अब तक मुख्य रूप से आयात किया जाता है।

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