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    श्रमिक मंत्रालय महिलाओं के लिए एनजीओ के सहयोग से क्रेच खोले : संसदीय समिति

    Updated: Sun, 21 Dec 2025 08:35 PM (IST)

    श्रम मंत्रालय को संसदीय समिति ने महिलाओं के लिए एनजीओ के सहयोग से क्रेच खोलने का सुझाव दिया है। इस पहल का उद्देश्य महिला श्रमिकों को बेहतर कार्य वाताव ...और पढ़ें

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    क्रेच। (पीआईबी)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एक संसदीय समिति ने यह नोट किया कि केवल मध्य प्रदेश, दादर व नगर हवेली और दमन व दीव के संघ शासित प्रदेशों ने महिलाओं के निर्माण श्रमिकों के लिए केंद्रीय पोर्टल पर क्रेच सुविधाओं की रिपोर्ट दी है। समिति ने श्रम मंत्रालय से यह सुझाव दिया है कि वह महिलाओं के लिए क्रेच खोलने के लिए एनजीओ को शामिल करने की संभावनाओं का पता लगाएं।

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    महिला सशक्तिकरण पर संसदीय समिति की अध्यक्ष भाजपा सांसद डी.पूरंदेश्वरी ने यह भी सिफारिश की है कि क्रेच के संचालन के घंटे महिलाओं की कार्य अवधि (आठ घंटे) के अनुसार बढ़ाए जाएं, ताकि बच्चों की देखभाल रोजगार की आवश्यकताओं के साथ मेल खा सके। 'संगठित क्षेत्र में महिलाओं की सुरक्षा और संरक्षण'' शीर्षक वाली रिपोर्ट संसद में प्रस्तुत की गई।

    समिति ने अनौपचारिक क्षेत्र में बच्चों की देखभाल और मातृत्व समर्थन के लिए सीएसआर फंड का एक निश्चित प्रतिशत अनिवार्य करने की सिफारिश भी की। रिपोर्ट के अनुसार, भवन और अन्य निर्माण श्रमिक (रोजगार और सेवा की शर्तों का नियमन) अधिनियम, 1996 महिलाओं के निर्माण श्रमिकों के लिए व्यापक कल्याण उपायों का प्रविधान करता है। इन उपायों में प्राथमिक चिकित्सा, स्वच्छ, सुलभ और अलग शौचालय, कैंटीन, क्रेच सुविधाएं और महिलाओं के लिए विश्रामगृह शामिल हैं।

    समिति ने देखा कि केवल मध्य प्रदेश, दादर व नगर हवेली और दमन व दीव के संघ शासित प्रदेशों ने भवन और अन्य निर्माण श्रमिक प्रबंधन सूचना प्रणाली पोर्टल के माध्यम से क्रेच की व्यवस्था की है।

    रिपोर्ट में कहा गया, ''केवल दो राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के क्रेच सुविधाओं के डाटा की उपलब्धता महिलाओं और बच्चों के लिए निर्धारित वैधानिक कल्याण प्रविधानों के समग्र प्रवर्तन में भारी अंतर का इशारा करती है।''

    समिति ने सिफारिश की है कि संघ सरकार मजबूत निरीक्षण तंत्र स्थापित करे, जिसमें निर्माण स्थलों पर अनिवार्य कल्याण सुविधाओं जैसे क्रेच, शौचालय, प्राथमिक चिकित्सा व विश्राम क्षेत्रों के कार्यान्वयन की जांच के लिए नियमित व आकस्मिक दौरे शामिल हो सकते हैं। पालना योजना ''बहुत अच्छी'' है, लेकिन यह थोड़ी धीमी है। मिशन शक्ति के तहत पालना योजना बच्चों के लिए गुणवत्ता वाली डे-केयर प्रदान करती है।

    (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)