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5-6 नवंबर तक काफी खराब हो सकती है हवा की गुणवत्ता, IMD की चेतावनी

उत्तर-पश्चिमी हवाओं और पटाखे फोड़ने के कारण 5-6 नवंबर को दिल्ली एनसीआर में हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रह सकती है। IMD ने चेताया कि अगले 3 दिनों तक न्यूनतम तापमान 13-15 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है। सुबह अपडेट खबर फाइल हो सकती है

By Monika MinalEdited By: Published: Wed, 03 Nov 2021 06:35 AM (IST)Updated: Wed, 03 Nov 2021 08:38 AM (IST)
5-6 नवंबर तक काफी खराब हो सकती है हवा की गुणवत्ता, IMD की चेतावनी
5-6 नवंबर को काफी खराब हो सकती है हवा की गुणवत्ता, IMD की चेतावनी

नई दिल्ली, एजेंसी। राजधानी दिल्‍ली में वायु प्रदूषण की वजह से हवा लगातार जहरीली बनी हुई है। इस बीच मौसम विभाग के वैज्ञानिक वीके सोनी ने कहा है कि 4 नवंबर तक हवा की गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में रहने की संभावना है। वहीं, उत्तर-पश्चिमी हवाओं और पटाखे फोड़ने के कारण 5-6 नवंबर को यह ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रह सकती है। इसके अलावा उन्‍होंने कहा कि अगले 3 दिनों तक न्यूनतम तापमान 13-15 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है। 

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पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की हवा गुणवत्ता का पूर्वानुमान बताने वाली एजेंसी SAFAR के अनुसार, दिवाली की रात दिल्ली के हवा की क्वालिटी का स्तर 'बदतर (severe)' होगा और इसमें पराली जलाने के कारण प्रदूषण की हिस्सेदारी PM2.5 होगी। दिवाली के अगले दिन ‘PM 2.5’ प्रदूषण में 40 फीसद तक हिस्सेदारी पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण की हो सकती है। पटाखों से उत्सर्जन शून्य रहने की स्थिति में दिल्ली में ‘PM 2.5’ प्रदूषण स्तर के 4 से 6 नवंबर के बीच 'बहुत खराब' श्रेणी में रहने का अनुमान है। SAFAR के अनुसार यदि उत्सर्जन, 2019 के पटाखों से संबंधित उत्सर्जन का 50 फीसद भी रहा तो वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के 4 नवंबर की रात से 'गंभीर' श्रेणी में पहुंचने और इसके पांच नवंबर तक ऐसे ही बने रहने का अनुमान है।

SAFAR के संस्थापक परियोजना निदेशक गुफरान बेग ने बताया कि अक्टूबर में रिकार्ड बारिश और हवा की अनुकूल दिशा के कारण इस मौसम में अब तक दिल्ली के वायु प्रदूषण में पराली जलाने का योगदान कम है। हालांकि इसके 5 नवंबर तक 40 फीसद तक पहुंच जाने का अनुमान है क्योंकि दिवाली के बाद हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम की ओर बदल सकती है।

पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने से उठने वाला धुआं उत्तर-पश्चिमी हवाओं के कारण राष्ट्रीय राजधानी की ओर आ जाता है। पिछले साल, 5 नवंबर को दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी 42 फीसद तक पहुंच गई थी। 2019 में, एक नवंबर को यह हिस्सेदारी 44 फीसद तक थी। बता दें कि शून्य से 50 के बीच AQI को अच्छा, 51 से 100 के बीच संतोषजनक, 101 से 200 के बीच मध्यम, 201 से 300 के बीच खराब, 301 से 400 के बीच बहुत खराब तथा 401 से 500 के बीच गंभीर माना जाता है।

अधिकारियों ने कहा कि इस मौसम में पहली बार मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण बदतर कैटेगरी में पहुंच गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 303 दर्ज किया गया जो सोमवार को 281, रविवार को 289 और शनिवार को 268 था। पड़ोसी शहरों फरीदाबाद (306), गाजियाबाद (334) और नोएडा (303) में भी वायु गुणवत्ता बहुत खराब रही।


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