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    पहले अध्ययन में डबल म्यूटेंट वैरिएंट के खिलाफ कारगर मिली 'कोविशील्ड'

    By Pooja SinghEdited By:
    Updated: Sat, 24 Apr 2021 09:31 AM (IST)

    एक अध्ययन के प्रारंभिक परिणामों से पता चला है कि कोविशील्ड वैक्सीन कोरोना वायरस के डबल म्यूटेंट वैरिएंट (बी.1.617) से भी सुरक्षा प्रदान करती है। सेंटर फार सेल्युलर एंड मोलिक्यूलर बायोलाजी (सीसीएमबी) के निदेशक राकेश मिश्रा ने गुरुवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी।

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    पहले अध्ययन में डबल म्यूटेंट वैरिएंट के खिलाफ कारगर मिली 'कोविशील्ड'

    नई दिल्ली, प्रेट्र। एक अध्ययन के प्रारंभिक परिणामों से पता चला है कि कोविशील्ड वैक्सीन कोरोना वायरस के डबल म्यूटेंट वैरिएंट (बी.1.617) से भी सुरक्षा प्रदान करती है। सेंटर फार सेल्युलर एंड मोलिक्यूलर बायोलाजी (सीसीएमबी) के निदेशक राकेश मिश्रा ने गुरुवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह अध्ययन वैज्ञानिक एंव औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) के संस्थान सीसीएमबी ने ही किया है। बता दें कि कोविशील्ड आक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित वैक्सीन है जिसका उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (एसआइआइ) कर रहा है।

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    डबल म्यूटेंट वायरस के बारे में 

    वहीं विज्ञानियों ने दावा किया है कि देश में कोरोना वायरस के एक नए वैरिएंट (स्वरूप) का पता लगा है जो तेजी से फैल सकता है और मानव शरीर की प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्युनिटी को चकमा देने में सक्षम है। हालांकि, इस बात का कोई सुबूत नहीं है कि नए वैरिएंट के कारण देश में या बंगाल में वायरस संक्रमण के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। बता दें कि नए वैरिएंट का पता सबसे पहले बंगाल में ही लगा था। नए स्वरूप को बी.1.618 नाम दिया गया है,  जो बी.1.617 से अलग है और इसे डबल म्यूटेंट वायरस के रूप में भी जाना जाता है।

    माना जा रहा है कि देश में दूसरी लहर में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से वृद्धि के पीछे यही वैरिएंट है। नई दिल्ली स्थित सीएसआइआर-इंस्टीट्यूट आफ जीनोमिक एंड इंटीग्रेटिव बायोलाजी (सीएसआइआर-आइजीआइबी) के निदेशक अनुराग अग्रवाल ने कहना है कि चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।  क्योंकि इससे बचाव के लिए मानक सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की जरूरत है।