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कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट के खिलाफ चल रहा कोविशील्ड और कोवैक्सीन का टेस्ट, डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ प्रभावी

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा डेल्टा प्लस वैरिएंट अभी ज्यादा प्रभावी नहीं। कोविशील्ड और कोवैक्सीन कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ प्रभावी। डेल्टा प्लस वैरिएंट पर अभी चल रहा लैब टेस्ट।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Sun, 27 Jun 2021 01:14 PM (IST)Updated: Sun, 27 Jun 2021 01:14 PM (IST)
कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट के खिलाफ चल रहा कोविशील्ड और कोवैक्सीन का टेस्ट, डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ प्रभावी
कोविशील्ड और कोवैक्सीन कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ असरदार।(फोटो: दैनिक जागरण)

नई दिल्ली, एजेंसियां। भारत में बनी कोवैक्सीन (Covaxin) और कोविशील्ड (Covishield) दोनों ही कोरोना वायरस (Corona Virus) के चिंता बढ़ाने वाले डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ प्रभावी है। सरकार के मुताबिक ये दोनों वैक्सीन कोरोना सभी वेरिएंट्स के खिलाफ प्रभावी है। सरकार ने दावा किया है कि दोनों ही वैक्सीन कोरोना के अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ कारगर हैं। डेल्टा प्लस के बारे में अभी अध्ययन जारी है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने बताया है कि कोवैक्सीन (Covaxin) और कोविशील्ड (Covishield) कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ प्रभावी है।

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कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट पर चल रहा टेस्ट

कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर सवाल पर उन्होंने कहा है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट के खिलाफ लैब में टेस्ट चल रहा है। इस टेस्ट के नतीजे 7 से 10 दिनों में आ जाएंगे। डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर देश में चिंता का माहौल बन रहा है। देश में इस वैरिएंट के वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या अभी कम है लेकिन यह हर रोज बढ़ती जा रही है।

शुक्रवार को प्रेस वार्ता में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा, दुनिया के विभिन्न हिस्सों से आ रही खबरों के मुताबिक विभिन्न वैक्सीन की वायरस के नए वैरिएंट को निष्प्रभावी करने की क्षमता घटती जा रही है। लेकिन कोवैक्सीन के साथ ऐसा नहीं है। डेल्टा वैरिएंट पर भी कोवैक्सीन प्रभावी है लेकिन एंटीबॉडी कुछ कम पैदा होती देखी गई हैं। कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों में भी एंटीबॉडी पैदा होने का यह अंतर दिखाई दे रहा है। बावजूद इसके दोनों वैक्सीन कोरोना वायरस के अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा वैरिएंट को निष्क्रिय करने में कामयाब हैं।

कोरोना वायरस का डेल्टा प्लस वैरिएंट अब तक दुनिया के 12 देशों में पाया गया है। भारत में इस वायरस के 12 राज्यों में 51 मरीज सामने आए हैं। लेकिन इनसे ज्यादा संक्रमण फैलता नहीं पाया गया है। जबकि डेल्टा वैरिएंट अक्टूबर 2020 में पहली बार महाराष्ट्र में पाया गया था। फरवरी में पाया गया कि महाराष्ट्र में 60 प्रतिशत मामले इसी वैरिएंट के थे। यह वैरिएंट दुनिया के 85 देशों में अभी तक पाया गया है।


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