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    कोरोना संक्रमण के बढ़ते आर नाट ने बढ़ाई तीसरी लहर की चिंता, आठ राज्यों में आर फैक्टर ज्यादा

    By Arun Kumar SinghEdited By:
    Updated: Wed, 04 Aug 2021 08:22 AM (IST)

    देश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते आर नाट ने तीसरी लहर को लेकर चिंता बढ़ा दी है। आर नाट को आर फैक्टर भी कहते हैं। इससे पता चलता है कि कोरोना वायरस से संक्रमित एक व्यक्ति आगे कितने व्यक्तियों को संक्रमित कर रहा है।

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    कोरोना संक्रमण के बढ़ते आर नाट ने तीसरी लहर को लेकर चिंता बढ़ा दी

    नई दिल्ली, नीलू रंजन। देश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते आर नाट ने तीसरी लहर को लेकर चिंता बढ़ा दी है। आर नाट को आर फैक्टर भी कहते हैं। इससे पता चलता है कि कोरोना वायरस से संक्रमित एक व्यक्ति आगे कितने व्यक्तियों को संक्रमित कर रहा है। आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आर नाट बढ़ रहा है, वहीं सात में स्थिर बना हुआ है।

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    एक संक्रमित व्यक्ति कितनों में फैलाता है बीमारी, यह मापने का पैमाना है आर नाट

    स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल के अनुसार देश में जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में आर नाट सबसे अधिक 1.4 पर पहुंच गया है और इसमें बढ़ोतरी हो रही है। इसको इस तरह से समझा जा सकता है कि इन दोनों राज्यों में कोरोना संक्रमित 100 लोग दूसरे 140 लोगों में संक्रमण फैला रहे हैं। आर फैक्टर लक्षद्वीप में 1.3, तमिलनाडु, मिजोरम व कर्नाटक प्रत्येक में 1.2 और केरल व पुडुचेरी में 1.1 है।

    जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में आर नाट सबसे अधिक 1.4, इसमें बढ़ोतरी भी जारी

    एक से अधिक आर नाट होने का सीधा मतलब यह है कि इन राज्यों में एक संक्रमित व्यक्ति एक से अधिक व्यक्तियों तक संक्रमण फैला रहा है। जो तीसरी लहर का स्वरूप धारण कर सकता है। वहीं नगालैंड, हरियाणा, मेघालय, गोवा, झारखंड, दिल्ली और बंगाल में आर नाट एक पर स्थिर है। यानी यहां नए मरीजों की संख्या न तो बढ़ रही है और न कम हो रही है। केवल आंध्रप्रदेश और महाराष्ट्र में आर नाट में कमी देखी जा रही है।

    आर नाट 0.6 से नीचे, मतलब संक्रमण काबू में

    नीति आयोग के सदस्य और कोरोना वैक्सीन पर गठित टास्क फोर्स के प्रमुख डा. वीके पाल ने कहा कि आर नाट के 0.6 के नीचे आने पर ही संक्रमण को नियंत्रण में माना जा सकता है, लेकिन इसमें बढ़ोतरी से साफ है कि वायरस फैल रहा है।

    भारत में औसत आर नाट 1.2

    भारत में औसत आर नाट 1.2 है जो 22 जुलाई के पहले यह एक के नीचे बना हुआ था। ध्यान देने की बात है कि दूसरी लहर में नौ मार्च से 21 अप्रैल के बीच आर नाट 1.37 पहुंच गया था। लेकिन मई में इसके एक नीचे आते ही दूसरी लहर कमजोर पड़ने लगी और जून में यह 0.78 तक आ गया था। इतने आर नाट पर अमेरिका तीसरी लहर से जूझ रहा है। देश में औसत आर नाट का 1.2 फीसद तक पहुंच जाना तीसरी लहर के लिए गंभीर माना जा रहा है। दरअसल अमेरिका, कनाडा और आस्ट्रेलिया जैसे देश कोरोना की तीसरी लहर से जूझ रहे हैं, इन देशों में भी आर नाट 1.2 है।

    राज्यों को किया सावधान

    लव अग्रवाल ने कहा कि बढ़ते आर नाट को देखते हुए राज्यों को सावधान हो जाना चाहिए। कोरोना से बचाव के उपायों को सख्ती से लागू करने का प्रयास करना चाहिए, ताकि कोई संक्रमित व्यक्ति कम से कम लोगों तक संक्रमण फैला सके।

    44 जिलों में 10 फीसद से ज्यादा संक्रमण दर

    डा. पाल ने 44 जिलों में 10 फीसद से अधिक संक्रमण दर का हवाला देते हुए कहा कि दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई है, लेकिन यह केरल और पूर्वोत्तर के राज्यों तक सीमित है। देश के 222 जिलों में मामले कम हो रहे हैं, लेकिन 18 जिलों में मामले बढ़ रहे हैं जो चिंता का कारण है। इनमें से 10 जिले केरल से हैं। इन्हीं 18 जिलों में आधे से ज्यादा मामले पाए जा रहे हैं।