'जल्द करें फैसला', पाकिस्तानी महिला की नागरिकता मामले में केंद्र को नोटिस; क्या है पूरा मामला?
कर्नाटक हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को पाकिस्तानी महिला की नागरिकता अर्जी पर जल्द फैसला लेने का निर्देश दिया है, जो एक भारतीय नागरिक से विवाहित है और दो ...और पढ़ें

कर्नाटक हाई कोर्ट ने नागरिकता अर्जी पर जल्द फैसला लेने को कहा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय और फॉरेनर्स रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस (FRRO) को भारत में रहने वाली एक पाकिस्तानी नागरिक के नए नागरिकता आवेदन पर गंभीरता से विचार करने को कहा है। इसके साथ ही कोर्ट ने उसके लॉन्ग-टर्म वीजा की समय सीमा खत्म होने से पहले प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया है।
क्या है मामला?
याचिकाकर्ता निगहत यास्मीन की शादी एक भारतीय नागरिक मोहम्मद यूनुस से हुई है। वर्तमान में वह दो भारतीय नागरिक बच्चों की मां हैं। महिला ने आरोप लगाया था कि नागरिकता के लिए उसके पिछले अनुरोधों पर अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया।
कर्नाटक हाई कोर्ट का फैसला
जस्टिस सूरज गोविंदराज ने 18 दिसंबर को कहा कि भारत-पाकिस्तान संघर्ष के बाद वीजा नीति में हाल के बदलावों ने पाकिस्तानी नागरिकों के आवेदनों को प्रोसेस करने के तरीके को प्रभावित किया है, खासकर ई-FRRO पोर्टल की जरूरत शुरू होने के बाद प्रोसेसिंग और ज्यादा प्रभावित हुई है।
यास्मीन ने इस जरूरत को पूरा किया है, लेकिन उनके मामले पर अभी भी ठीक से विचार नहीं किया गया है। जज ने साफ किया कि एक सरकारी आदेश ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं को निलंबित कर दिया था, लेकिन वैध लॉन्ग-टर्म वीजा धारकों को प्रोसेसिंग के दौरान देश से निकाले जाने या जबरदस्ती की कार्रवाई से सुरक्षा मिलती है।
कौन सी राहत मिली?
कॉर्ट ने यास्मीन को कई पेंडिंग एप्लीकेशन वापस लेने और एक साथ एक एप्लीकेशन फाइल करने की इजाजत दी है, साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिया कि फाइल होने के बाद इसे तय समय सीमा के अंदर प्रोसेस किया जाए।
इस निर्देश का मकसद यह पक्का करना है कि भारत में उसके पारिवारिक संबंधों को ध्यान में रखते हुए, एप्लीकेशन पर मौजूदा कानूनों और समय-सीमा के तहत कार्रवाई की जाए।

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