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    देश को रेयर अर्थ एलिमेंट के उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने की जरूरत, राष्ट्रपति मुर्मु ने AI को लेकर कही ये बात

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Sat, 27 Sep 2025 06:47 AM (IST)

    राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शुक्रवार को कहा कि वर्तमान भू-राजनीतिक स्थिति को देखते हुए भारत को रेयर अर्थ एलिमेंट के उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करनी चाहिए। राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इससे भारत को विकसित राष्ट्र बनने के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। यह देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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    देश को रेयर अर्थ एलिमेंट के उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने की जरूरत- राष्ट्रपति मुर्मु

     पीटीआई, नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शुक्रवार को कहा कि वर्तमान भू-राजनीतिक स्थिति को देखते हुए भारत को रेयर अर्थ एलिमेंट के उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करनी चाहिए।

    यह देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा

    राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इससे भारत को विकसित राष्ट्र बनने के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। यह देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

    उन्होंने कहा कि ये रेयर इसलिए नहीं हैं, क्योंकि इनकी उपलब्धता कम है, बल्कि इन तत्वों की पहचान की प्रक्रिया बहुत जटिल है। स्वदेशी तकनीक के विकास से इस जटिल प्रक्रिया को पूरा करने में मदद मिलेगी।

    यह एआइ, सेमीकंडक्टर और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी का युग है। स्मार्टफोन, इलेक्टि्रक वाहन (ईवी) और नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों में रेयर अर्थ एलिमेंट आवश्यक हैं। यह रासायनिक तत्वों के 17 विशेष समूहों को कहा जाता है, जो आधुनिक तकनीक के लिए अनिवार्य हैं।

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    खनन क्षेत्र में एआइ मशीन लर्निंग को बढ़ावा दें

    उन्होंने कहा कि खान मंत्रालय स्थिरता और नवाचार के लिए प्रतिबद्ध है। खनन क्षेत्र एआइ मशीन लर्निंग और ड्रोन-आधारित सर्वे को बढ़ावा दे रहा है। खदानों के अवशेषों से मूल्यवान तत्वों की प्राप्ति पर भी ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

    भूस्खलन के कारण लोगों को काफी नुकसान हुआ

    उन्होंने कहा कि इस वर्ष देश के कई हिस्सों में बादल फटने और भूस्खलन के कारण लोगों को काफी नुकसान हुआ है और ऐसी प्राकृतिक आपदाओं की समय पर जानकारी प्राप्त करना बेहद जरूरी है।

    उन्होंने कहा, ''भूवैज्ञानिक समुदाय से मेरी अपील है कि वे बाढ़, भूस्खलन, भूकंप और सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदाओं के अनुसंधान पर अधिक ध्यान दें।''