483 परियोजनाओं की लागत 4.43 लाख करोड़ रुपये बढ़ी, देरी से चल रहे 504 प्रोजेक्ट
सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक लागत वाली बुनियादी ढांचा क्षेत्र की परियोजनाओं की निगरानी करता है। जुलाई 2021 की रिपोर्ट में कहा गया कि इस तरह की 1781 परियोजनाओं में से 483 की लागत बढ़ी है जबकि 504 परियोजनाएं देरी से चल रही हैं।

नई दिल्ली, प्रेट्र। बुनियादी ढांचा क्षेत्र की 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक के खर्च वाली 483 परियोजनाओं की लागत में तय अनुमान से 4.43 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। देरी और अन्य कारणों की वजह से इन परियोजनाओं की लागत बढ़ी है।
सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक लागत वाली बुनियादी ढांचा क्षेत्र की परियोजनाओं की निगरानी करता है। मंत्रालय की जुलाई, 2021 की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह की 1,781 परियोजनाओं में से 483 की लागत बढ़ी है, जबकि 504 परियोजनाएं देरी से चल रही हैं।
19.42 फीसद बढ़ी इन परियोजनाओं की लागत
रिपोर्ट में कहा गया है, 'इन 1,781 परियोजनाओं के क्रियान्वयन की मूल लागत 22,82,160.40 करोड़ रुपये थी, लेकिन अब इसके बढ़कर 27,25,408.00 करोड़ रुपये पर पहुंच जाने का अनुमान है। इससे पता चलता है कि इन परियोजनाओं की लागत 19.42 फीसद या 4,43,247.60 करोड़ रुपए बढ़ी है।
रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई, 2021 तक इन परियोजनाओं पर 13,22,515.87 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, जो कुल अनुमानित लागत का 48.53 फीसद है। हालांकि, मंत्रालय का कहना है कि यदि परियोजनाओं के पूरा होने की हालिया समयसीमा के हिसाब से देखें, तो देरी से चल रही परियोजनाओं की संख्या कम होकर 369 पर आ जाएगी। रिपोर्ट में 1,001 परियोजनाओं के चालू होने के साल के बारे में जानकारी नहीं दी गई है।
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