CSR में जुड़ेगा CAPF, CPMF पर हुआ खर्च, सरकार ने कंपनी कानून में किया बदलाव
कंपनियों की ओर से CAPF और CPMF के पूर्व जवानों और उनके आश्रितों के हित में किए गए खर्च को उनके कॉरपोरेट सोशल रेस्पॉन्सिबिलटी खर्च में जोड़ा जाएगा।
नई दिल्ली, पीटीआइ। कंपनियों की ओर से केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (Central Armed Police Forces, CAPF) और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों (Central Para Military Forces, CPMF) के पूर्व जवानों व उनके आश्रितों के हित में किए गए खर्च को उनके कॉरपोरेट सोशल रेस्पॉन्सिबिलटी (Corporate Social Responsibility, CSR) खर्च में जोड़ा जाएगा। कॉरपोरेट मामले मंत्रालय ने कंपनी कानून, 2013 के शेड्यूल-7 में इसके लिए जरूरी संशोधन किया है।
कंपनी कानून के तहत कुछ निश्चित श्रेणी की कंपनियों को किसी वित्तीय वर्ष में अपने तीन साल के औसत मुनाफे के कम से कम दो फीसद के बराबर सीएसआर मद में खर्च करना होता है। इनमें 500 करोड़ रुपये के नेटवर्थ, हजार करोड़ रुपये के टर्नओवर या पांच करोड़ या इससे ज्यादा मुनाफा कमाने वाली कंपनियां शामिल हैं। सेना के पूर्व जवानों व उनके आश्रितों पर होने वाला खर्च पहले से ही सीएसआर के मद में जोड़ा जाता है।
अब सरकार ने सीएपीएफ और सीपीएमएफ के पूर्व जवानों पर हुए खर्च को भी सीएसआर मद में जोड़ने की अनुमति दे दी है। जानकारों ने यह कहते हुए इस कदम का स्वागत किया है कि इससे इन सुरक्षा बलों के जवानों व उनके आश्रितों को व्यापक लाभ होगा। कंपनियां इन सुरक्षाबलों के पूर्व जवानों व शहीदों के आश्रितों के सहयोग के लिए प्रेरित होंगी। कॉरपोरेट प्रोफेशनल्स ग्रुप के संस्थापक पवन कुमार विजय ने कहा, 'यह एक प्रशंसनीय कदम है। यह हमारे अर्धसैनिक बलों द्वारा दिए गए योगदान व बलिदान को स्वीकार्यता प्रदान करता है।'
इस बीच, सीआरपीएफ के एक अधिकारी की रविवार को कोरोना संक्रमण से मौत हो गई जिसके साथ बल में महामारी से जान गंवाने वाले जवानों की संख्या नौ हो गई है। इसे लेकर सीएपीएफ में अब तक कोरोना संक्रमण से 25 जवानों की मौत हो चुकी है। सीएपीएफ में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़कर 3,350 हो चुके हैं जिनमें से 1,057 मामले सीआरपीएफ में पाए गए हैं। बीएसएफ में 944, सीआइएसएफ में 740 और आइटीबीपी में 313 मामले पाए गए हैं।