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    टेंडर जारी होने से पहले ही पूरा हो गया सडक़ निर्माण का काम, हाई कोर्ट पहुंचा मामला

    Updated: Tue, 14 Oct 2025 06:53 PM (IST)

    नदिया जिले के कृष्णानगर नगरपालिका में टेंडर प्रक्रिया में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। पार्षदों का आरोप है कि टेंडर जारी होने से पहले ही सडक़ का निर्माण कार्य पूरा हो गया। उन्होंने नगरपालिका के उप चेयरमैन और अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं और मामले की जांच की मांग की है। पार्षदों ने सडक़ निर्माण की लागत में वृद्धि पर भी सवाल उठाए हैं।

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    टेंडर से पहले सड़क निर्माण का आरोप

    राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। नदिया जिले की कृष्णानगर नगरपालिका में निविदा प्रक्रिया में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट में एक याचिका दायर हुई है। आरोप है कि नगरपालिका के वार्ड 24 में कदमतला इमरसन घाट से 500 मीटर लंबी सडक़ का निर्माण निविदा जारी होने से पहले ही अवैध रूप से कर दिया गया। इसे लेकर नगरपालिका के पार्षदों के एक वर्ग ने अब अदालत का दरवाजा खटखटाया है।

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    उन्होंने नगरपालिका के उप चेयरमैन नरेश चंद्र दास और नगरपालिका के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। इस मामले की सुनवाई हाई कोर्ट में अवकाशकालीन पीठ में होने की संभावना है। बताया गया है कि नगरपालिका की ओर से निविदा का नोटिस 25 सितंबर को जारी किया गया था।

    टेंडर से पहले सड़क निर्माण का आरोप

    निविदा जमा करने की अंतिम तिथि 16 अक्तूबर व खुलने की तिथि 25 अक्तूबर है। लेकिन आरोप है कि इस बीच 30 सितंबर के पहले ही सडक़ का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। कृष्णानगर नगरपालिका की पूर्व चेयरपर्सन और वार्ड नौ की पार्षद रीता दास समेत आठ पार्षदों ने इसे लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि निविदा जारी होने से पहले काम कैसे पूरा हो गया? काम किसे मिला, कैसे भुगतान हुआ, पैसा कहां गया। इन सभी की जांच होनी चाहिए।

    हाई कोर्ट में भ्रष्टाचार की याचिका

    उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि यही सडक़ दो साल पहले 23 लाख रुपये में बनी थी। उस समय निविदा में ठेकेदार के साथ एक समझौता हुआ था कि अगर पांच साल के भीतर सडक़ किसी भी तरह से खराब होती है, तो उसे उसकी मरम्मत करनी होगी। पार्षदों ने इस काम के लिए दोबारा निविदा बुलाए जाने पर भी सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि इस सडक़ के पुनर्निर्माण की लागत इस बार 45 लाख रुपये बताई गई है, पहले की तुलना में लगभग दोगुना है। गौरतलब है कि कृष्णानगर नगरपालिका के उप चेयरमैन नरेश चंद्र दास पर नगरपालिका के निर्दलीय और कांग्रेसी पार्षदों की मदद से तृणमूल कांग्रेस के निर्वाचित चेयरमैन को पद से हटाने का आरोप लगा था।