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    MHA Fresh Guidelines: कोरोना पर नियंत्रण के लिए गृहमंत्रालय ने जारी की नई गाइडलाइंस, एसओपी का कड़ाई से पालन का निर्देश

    By Arun Kumar SinghEdited By:
    Updated: Thu, 26 Nov 2020 08:04 AM (IST)

    नए दिशा निर्देश के तहत कंटेनमेंट जोन में केवल आवश्यक गतिविधियों की अनुमति दी गई है। स्थानीय जिला पुलिस और नगरपालिका अधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होंगे कि निर्धारित कंटेनमेंट उपायों का कड़ाई से पालन किया जाए।

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    गृह मंत्रालय ने कोरोना वायरस से संबंधित निगरानी, ​​नियंत्रण और सावधानी के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कोरोना के संक्रमण के दोबारा बढ़ने के मद्देनजर गृहमंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए नई गाइडलाइंस जारी की है। गाइडलाइंस में किसी गतिविधि पर नया प्रतिबंध नहीं लगाया गया है, केवल उनके लिए जारी एसओपी का कड़ाई से पालन करने को कहा गया है। इसके साथ ही गृहमंत्रालय ने राज्यों को स्थानीय परिस्थितियों को देखते हुए विभिन्न समारोहों में भाग लेने वालों की संख्या 200 से कम करने की छूट दे दी है। लेकिन बिना केंद्र सरकार की सहमति के वे कंटेनमेंट जोन के बाहर लोकल लॉकडाउन नहीं लगा सकेंगे। यह गाइडलाइन दिसंबर के पूरे महीने तक लागू रहेगी।

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    मास्क नहीं पहनने पर जुर्माना और रात का कर्फ्यू तो ठीक, लेकिन लोकल लॉकडाउन की अनुमति नहीं

    गृहमंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ताजा गाइडलाइंस का उद्देश्य कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अब मिली बढ़त को बरकरार रखना है। सर्दी और त्योहारों के कारण कोरोना के संक्रमण में आए उभार को केवल सर्विलांस, कंटेनमेंट और सावधानी के बल पर भी रोका जा सकता है और इसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर जारी एसओपी का कड़ाई से पालन जरूरी है। गृह मंत्रालय ने साफ कर दिया कि स्वास्थ्य मंत्रालय के एसओपी में किसी प्रकार के उल्लंघन की स्थिति में स्थानीय जिला, पुलिस और नगर निकाय प्रशासन को जिम्मेदार माना जाएगा। इसीलिए स्थानीय प्रशासन के स्थिति के आंकलन के बाद अपने इलाके में नए प्रतिबंध लगाने की छूट दी गई है।

    कंटेनमेंट जोन में जरूरी सेवाओं के अलावा किसी गतिविधि की अनुमति नहीं

    संक्रमण को रोकने के लिए गृहमंत्रालय ने स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देश के अनुरूप कंटनमेंट जोन बनाने और उन्हें वेबसाइट पर दिखाने को कहा है, ताकि इसके बारे में किसी तरह की गलतफहमी नहीं रहे। इन कंटेनमेंट जोन में जरूरी सेवाओं के अलावा किसी गतिविधि की अनुमति किसी भी स्थिति में नहीं दी जा सकती है। इनमें एक-एक घर में सर्वे कर कोरोना की स्थिति पर नजर रखना होगा। कोरोना पोजेटिव के संपर्क में आने वालों की 72 घंटे के भीतर पहचान कर उनका टेस्ट कराना और उनपर नजर रखना भी गाइडलाइंस में शामिल है। कंटनमेंट एरिया के बाहर बफर जोन में सर्दी, जुकाम से संबंधित सभी रोगियों का पता लगाकर उनके जांच की जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन की होगी।

    गृहमंत्रालय ने यह भी साफ कर दिया है कि कंटेनमेंट और सर्विलांस से इन उपायों पर अमल सुनिश्चित कराने के लिए राज्यों को संबंधित अधिकारियों की उत्तरदायित्व तय करना होगा। इसके साथ ही गृहमंत्रालय ने सभी राज्यों को मास्क पहनने, हाथ धोने और शारीरिक दूरी का पालन सुनिश्चित करने के लिए राज्यों की ओर की जा रही जुर्माना लगाने जैसी कार्रवाई को सही ठहराया है। लेकिन मार्केट, साप्ताहिक बाजारों, सार्वजनिक वाहनों में सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। इसी तरह संक्रमण को रोकने के लिए स्थानीय प्रशासन को रात का क‌र्फ्यू लगाने की छूट होगी, लेकिन वे किसी भी स्थिति में केंद्र सरकार की सलाह के बिना कंटेनमेंट जोन के बाहर लोकल लॉकडाउन नहीं लगा सकेंगे।

     

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