जब कोरोना वायरस की दवा नहीं तो कैसे ठीक हो रहे हैं मरीज? हर सवाल का जवाब देगी ये खबर
How to defeat coronavirus सवाल यह उठता है कि कोरोना वायरस के इलाज के लिए अब तक कोई दवा दुनिया के किसी देश के पास उपलब्ध नहीं है तो फिर लोग ठीक कैसे हो रहे हैं?
नई दिल्ली, जेएनएन। भारत में कोरोना वायरस (COVID-19) से मरने वालों की संख्या 100 से ज्यादा हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के सुबह नौ बजे के आंकड़े के अनुसार देश में अब तक 109 लोगों की मौत हो गई है। वहीं अब तक 4,067 मामले सामने आ गए हैं। 3,666 का इलाज चल रहा है। 291 लोग ठीक हो गए हैं। पिछले 12 घंटे में 490 मामले बढ़े हैं। कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद 20 मार्च को लखनऊ के एसपीजीएम अस्पताल में भर्ती हुईं कनिका कपूर अब पूरी तरह से ठीक हो गई हैं। सवाल यह उठता है कि कोरोना वायरस के इलाज के लिए अब तक कोई दवा दुनिया के किसी देश के पास उपलब्ध नहीं है तो फिर लोग ठीक कैसे हो रहे हैं?
कैसे होता था इलाज?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि अब तक कोरोना वायरस के इलाज की कोई दवा उपलब्ध नहीं है। दवा बनाने के लिए बहुत से देश लगातार कोशिश कर रहे हैं लेकिन फिलहाल जो लोग वायरस संक्रमण की वजह से भर्ती हैं उनका इलाज लक्षणों के आधार पर किया जा रहा है। डॉक्टर किसी भी मरीज को अपने मन मुताबिक दवाएं नहीं दे सकते। डब्ल्यूएचओ और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की गाइडलाइंस के तहत ही अलग-अलग लक्षणों वाले लोगों को अलग-अलग ट्रीटमेंट बताए गए हैं।
बचाव ही इलाज है
आगरा के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ अरविंद जैन के अनुसार कोरोना वायरस को लेकर अभी कई भेद हैं जो अब तक नहीं खुले हैं। इसके संक्रमण के फैलने को लेकर भी लोग कई तरह की बातें करते हैं। ये सही है कि कोरोना वायरस की अब तक कोई दवा नहीं बनी लेकिन बचाव ही संक्रमण दूर करने का इलाज है। इसी बचाव के कारण संक्रमित लोगों के मुकाबले मरने वालों के आंकड़े में काफी अंतर है।
इम्युन सिस्टम से संक्रमण का खात्मा संभव
डॉ अरविंद आगे बताते हैं कि कोरोना वायरस के संक्रमण से जो लोग मुक्त हो रहे हैं उसके पीछे एकमात्र कारण उनकी सोशल डिस्टेंसिंग, सेनेटाइजेशन और सबसे बड़ी चीज इम्युन सिस्टम अच्छा होना है। संक्रमित लोगों को आइसोशलन में रखने के दौरान भी इन्हीं तीन चीजों का ध्यान रखा जाता है। जैसे जैसे संक्रमित व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती जाती है, उसके शरीर से कोरोना वायरस का संक्रमण खत्म होता जाता है, इसलिए बार बार लोगों से इन तीनों ही चीजों को अपनाने की अपील की जाती है। इसका एक और भी पहलू है। वो ये कि यदि व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित हो भी जाता है लेकिन उसकी इम्युनिटी अच्छी है तो वो साइलेंट करियर बन जाता है। वायरस का संक्रमण उसपर तो असर नहीं डालता लेकिन उसके संपर्क में आकर कमजोर इम्युनिटी वाले लोग संक्रमित हो जाते हैं। जमातियों के मामले में भी यही समस्या सामने आई है।