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जल्द शुरू होगी कोरोना की 'ऑन डिमांड टेस्टिंग', सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार बदलने जा रही है गाइडलाइंस

डॉक्टर पॉल के अनुसार देश में प्रतिदिन टेस्टिंग का आंकड़ा न सिर्फ नौ लाख को पार कर गया है बल्कि इसके टेस्टिंग किट भी पूरी तरह देश में बन रहे हैं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Tue, 18 Aug 2020 07:57 PM (IST)Updated: Tue, 18 Aug 2020 08:04 PM (IST)
जल्द शुरू होगी कोरोना की 'ऑन डिमांड टेस्टिंग', सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार बदलने जा रही है गाइडलाइंस

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जल्द ही लोग खुद ही कहीं भी, कभी भी कोरोना का टेस्ट करा सकेंगे। इसके लिए सरकार टेस्टिंग की गाइडलाइंस को बदलने पर विचार कर रही है। फिलहाल कोरोना का टेस्ट सिर्फ उन्हीं सरकारी या निजी लेबोरेटरी में कराया जा सकता है, जिन्हें आइसीएमआर ने इसके लिए इजाजत दी है। नीति आयोग के सदस्य और कोरोना पर उच्चाधिकार समिति के अध्यक्ष डॉक्टर वीके पॉल ने कहा कि हमारी टेस्टिंग की क्षमता अब इस स्तर पर पहुंच गई है कि 'ऑन डिमांड टेस्टिंग' की इजाजत दी जा सके।

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डॉक्टर पॉल के अनुसार देश में प्रतिदिन टेस्टिंग का आंकड़ा न सिर्फ नौ लाख को पार कर गया है, बल्कि इसके टेस्टिंग किट भी पूरी तरह देश में बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी के साथ-साथ बड़े पैमाने पर निजी लैब भी टेस्टिंग कर रहे हैं और एक तरह से यह सभी के लिए सुलभ भी हो गया है। लेकिन आम लोगों के लिए 'ऑन डिमांड टेस्टिंग' की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए गाइडलाइंस में बदलाव की जरूरत है, जो जल्द कर लिया जाएगा।

राज्यों को मिल सकता है बेहतर और सस्ता किट

टेस्टिंग की कीमत को और कम करने के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि विभिन्न राज्यों ने अपने-अपने यहां टेस्टिंग की रेट तय रखी है। लेकिन उसमें और भी कमी आने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। देश में बनने वाले अधिकांश टेस्टिंग किट अब सरकारी खरीद के पोर्टल जेम (गवर्नमेंट ई मार्केट) पर उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें यदि टेस्टिंग किट को खरीदने के लिए जेम का इस्तेमाल करें, तो उन्हें बेहतर और सस्ता किट मिल सकता है।

कोरोना की मृत्युदर को एक फीसद से नीचे लाना सरकार का लक्ष्य

राजेश भूषण ने पिछले पांच दिनों में कोरोना से संक्रमित मरीजों की तुलना में ठीक होने वाले मरीजों की अधिक संख्या और मरने वाले मरीजों की संख्या में आई गिरावट को अच्छा संकेत बताया। लेकिन साथ ही यह भी साफ कर दिया कि इतने बड़े देश में पांच दिन के आंकड़ों के आधार पर आश्वस्त नहीं हुआ जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना को रोकने की मौजूदा कोशिशों को बदस्तूर जारी रखना होगा ताकि मौजूदा स्थिति को आगे और भी बेहतर बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि मौत को और अधिक कम करना जरूरी है और मृत्युदर को एक फीसद से नीचे लाना हमारा लक्ष्य है।

सोमवार को वैक्सीन निर्माताओं के साथ बैठक करने वाले डाक्टर वीके पॉल ने बताया कि इसके लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा। उनके अनुसार देश में केवल एक आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी वैक्सीन के तीसरे फेज का ट्रायल बुधवार को शुरू होने जा रहा है, जो चार से छह हफ्ते चलेगा। तीसरे फेज के ट्रायल का रिजल्ट सामने आने के बाद ही उसके बारे में कुछ कहा जा सकता है। वहीं भारत बायोटेक और जायडस कैडिला की वैक्सीन अभी पहले और दूसरे फेज के ट्रायल में है और उसका रिजल्ट आना बाकी है। जाहिर है इनमें और भी ज्यादा समय लगेगा।


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