देश में बढ़ रहा कोरोना का खतरा, बचाव के लिए वैक्सीन नहीं; कई राज्यों के सरकारी अस्पताल में नहीं लग रहे टीके
कोरोना संक्रमण का प्रकोप एक बार फिर बढ़ने लगा है। कई राज्यों में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि कई राज्यों में इससे बचाव के लिए कोरोना वैक्सीन उपलब्ध ही नहीं है। File Photo
जागरण टीम, नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण का प्रकोप एक बार फिर बढ़ने लगा है। कई राज्यों में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि कई राज्यों में इससे बचाव के लिए कोरोना वैक्सीन उपलब्ध ही नहीं है। देश में पांच अप्रैल 2023 को सक्रिय मामलों की संख्या 23,091 के आसपास दर्ज की गई, जबकि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा चार अप्रैल को सुबह आठ बजे जारी आंकड़ों के मुताबिक यह आंकड़ा 21,179 था।
उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पताल में टीके उपलब्ध नहीं
तीन अप्रैल को यह संख्या 20,219 थी। उत्तर प्रदेश में कोरोना से बचाव के लिए अगर कोई सरकारी अस्पताल में निशुल्क टीका लगवाना चाहता है, तो वह उपलब्ध नहीं है। बुधवार को प्रदेश में सिर्फ 16 प्राइवेट अस्पतालों में 152 लोगों ने वैक्सीन लगवाई। इसमें से 105 लोगों ने टीके की सतर्कता डोज लगवाई। 47 लोगों ने वैक्सीन की पहली या दूसरी डोज लगवाई।
बीते दिसंबर-2022 के अंतिम सप्ताह में केंद्र से 15 लाख कोरोना वैक्सीन मिलीं थीं, जो जनवरी के अंत तक सरकारी व प्राइवेट दोनों अस्पतालों में लगाईं गईं। फरवरी-2023 से सरकारी अस्पतालों में मुफ्त टीका नहीं लगाया जा रहा है। अब तक दोनों टीके लगवा चुके 12.29 करोड़ लोगों को सतर्कता डोज लगना बाकी है।
वैक्सीन को लेकर इंतजार की स्थिति
राज्य टीकाकरण अधिकारी डा. मनोज कुमार शुक्ला का कहना है कि अभी सिर्फ प्राइवेट अस्पतालों के पास ही टीके बचे हैं। केंद्र से वैक्सीन के संबंध में दिशा-निर्देश मिलने का इंतजार है। मध्य प्रदेश में भी कोरोना वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। कोविशील्ड टीका नौ फरवरी तक उपलब्ध था। कोवैक्सीन और कार्बेवैक्स का स्टॉक दिसंबर, 2022 के पहले ही खत्म हो चुका है। मध्य प्रदेश में सतर्कता डोज सिर्फ 25 प्रतिशत ने ही लगवाई है।
कई राज्यों की स्थिति एकसमान
हिमाचल प्रदेश में इस समय वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। जम्मू-कश्मीर के अस्पतालों में सतर्कता डोज नहीं है। प्रशासन ने केंद्र सरकार से 10 हजार सतर्कता डोज भेजने का आग्रह किया है, लेकिन वह अभी मिली नहीं है। पंजाब में कुछ समय पहले कोरोना के मामले कम होने पर लोगों ने वैक्सीन लगवाने में रुचि नहीं दिखाई। अब मामले बढ़े तो लोग सरकारी व निजी अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन वैक्सीन नहीं है। पंजाब में सबसे ज्यादा परेशान विदेश जाने वाले लोग हैं, क्योंकि उनके लिए वैक्सीनेशन अनिवार्य है।