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सर्दियों में दिल का रखें खास ख्याल, जानें- क्यों बढ़ जाता है खतरा और कैसे करें बचाव

सर्दियों में दिल का दौरा पड़ने के लगभग 53 प्रतिशत मामले सुबह के समय ही होते हैं। सर्दियों की सुबह के तीन घंटे दिल और हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए भारी पड़ते हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Sat, 22 Dec 2018 03:04 PM (IST)Updated: Sat, 22 Dec 2018 03:19 PM (IST)
सर्दियों में दिल का रखें खास ख्याल, जानें- क्यों बढ़ जाता है खतरा और कैसे करें बचाव
सर्दियों में दिल का रखें खास ख्याल, जानें- क्यों बढ़ जाता है खतरा और कैसे करें बचाव

नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। गर्मियों की तुलना में सर्दियों के मौसम में दिल का दौरा पड़ने के मामले लगभग 25 प्रतिशत तक बढ़ जाते हैं। हृदय रोगों से प्रभावित लोगों के लिए ठंड अत्यंत नुकसानदेह साबित हो सकती है। सर्दियों के मौसम में हृदय धमनी रोग (कोरोनरी आर्टरी डिजीज) के कारण दिल का दौरा पड़ने के मामले कहीं ज्यादा बढ़ जाते हैं, जिन्हें कुछ सजगताएं बरतकर काफी हद तक रोका जा सकता है। इसके अलावा सर्दियों में हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को भी सावधानी बरतने की जरूरत है। इसलिए इस मौसम में दिल के मरीजों को कुछ अतिरिक्त सावधानियां बरतनी चाहिए...

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सीएडी और हार्ट अटैक
हृदय धमनियों में अवरोध (ब्लॉकेज) होने की स्थिति को कोरोनरी आर्टरी डिजीज (सीएडी) कहा जाता है। हृदय की धमनियों में विभिन्न कारणों से अवरोध उत्पन्न हो सकते हैं। जैसे अत्यधिक वसायुक्त खाद्य पदार्र्थों के खाने से रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर का बढ़ना, जिसके कारण हृदय धमनियों में वसा संचित हो जाती है। इसी तरह हृदय धमनियों में कैल्शियम भी जमा हो सकता है। इस स्थिति में दिल को पर्याप्त मात्रा में रक्त की आपूर्ति नहींहो पाती। इस कारण दिल का दौरा (हार्ट अटैक) पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोगों में भी दिल का दौरा पड़ने का खतरा काफी बढ़ जाता है।

कारणों पर नजर
अत्यधिक ठंड के कारण हृदय के अलावा मस्तिष्क और शरीर के अन्य अंगों की धमनियां सिकुड़ती हैं। इससे रक्त प्रवाह में रुकावट आती है और रक्त के थक्के (ब्लड क्लॉट) बनने की आशंका अधिक हो जाती है। ऐसी स्थिति में दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। अक्सर लोग अत्यधिक सर्दियों के कारण रजाई या कंबल के साथ आराम करने को वरीयता देते हैं। सर्दियों के प्रभाव से अनेक लोग आलस्य के कारण नियमित रूप से व्यायाम नहींकरते। सर्दियों में खानपान में भी लोग चिकनाईयुक्त खाद्य पदार्थ कहींज्यादा खाते हैं।

सर्दी के मौसम में ब्लड प्रेशर तेजी से बढ़ता है। इन कारणों के अलावा सर्दियों में लोग देर से उठते हैं। इस दौरान लोग सुबह की सैर भी नहीं करते। सर्दियों में नमकीन और चटपटी चीजें खाने का ज्यादा मन करता है। अधिक नमक ब्लड प्रेशर बढ़ाता है। सर्दी के कारण लोग चाय भी ज्यादा पीते हैं। इसके अलावा सर्दियों में मादक पदार्थों का सेवन भी बढ़ जाता है यानी सर्दियों में हम वे सब काम करते हैं जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है। ये कारण सर्दियों में दिल की सेहत के लिए ठीक नहीं है।

इन बातों पर दें ध्यान
अगर आप हृदय से संबंधित किसी समस्या से पीड़ित हैं तो सर्दियों में सुबह की सैर और व्यायाम के दौरान खास ख्याल रखने की जरूरत है। इस मौसम में व्यायाम या सैर के दौरान धमनियां सिकुड़ सकती हैं और खून गाढ़ा हो जाता है। इस वजह से ब्लड क्लॉट बनने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति में हार्ट अटैक होने की प्रबल आशंका होती है। ठंड के मौसम में अपने आप को पूरा ढककर सैर करने जाना चाहिए तथा जो हाई ब्लड प्रेशर के मरीज हैं, वे अपनी दवाएं लगातार लें तथा जो हार्ट के मरीज हैं, उन्हें अपनी ब्लड थिनर(रक्त को पतला करने वाली दवाएं) अवश्य लेनी चाहिए।

ठंड के मौसम में योगासन करना वरदान
साबित हो सकता है। इसी तरह प्राणायाम करना भी लाभप्रद है। सर्दी के दिनों में अमूमन लोग कम पानी पीते हैं, जबकि यह सेहत के लिए ठीक नहीं है। कम पानी पीने की वजह से सर्दियों में नसें सिकुड़ने लगती हैं, जिसका सबसे ज्यादा नुकसान हृदय रोगियों को होता है और हार्ट अटैक की आशंका बढ़ जाती है।

ऐसे करें बचाव

  • दिल की सेहत को दुरुस्त रखने के लिए और दिल से संबंधित किसी समस्या से बचने के लिए ब्लड प्रेशर की नियमित रूप से जांच करें या करवाएं।
  • डॉक्टर की सलाह से दवाओं का सेवन करते रहें। शाम को दवा लेकर सुबह होने वाले खतरे को कम किया जा सकता है।
  • शरीर को ऊनी कपड़ों के जरिए गर्म रखें। अधिक समय तक ठंड के संपर्क में रहने से बचें।
  • व्यायाम नियमित रूप से करें। ठंड ज्यादा होने पर घर के अंदर ही व्यायाम करें।
  • शरीर की सक्रियता को बनाए रखें यानी अपने शरीर का वजन न बढ़ने दें।
  • तनाव को दिमाग पर हावी न होने दें। दोस्तों, जीवनसाथी और परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताएं।
  • मौसमी फलों और हरी सब्जियां भरपूर मात्रा में खाएं। पानी का सेवन पर्याप्त मात्रा में करें।
  • गुनगुनी धूप का आनंद लें लेकिन सिर पर अधिक देर तक धूप न लें।
  • अगर कोई असुविधा महसूस होती है, तो डॉक्टर से परामर्श लें।

सुबह रहें सजग
सर्दियों में हृदय रोगियों को सबसे अधिक सुबह के वक्त सजगता बरतने की जरूरत है। ऐसा इसलिए, क्योंकि विभिन्न अध्ययनों से पता चला है कि सर्दियों में दिल का दौरा पड़ने के लगभग 53 प्रतिशत मामले सुबह के समय ही होते हैं। सर्दियों की सुबह के तीन घंटे दिल और हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए भारी पड़ते हैं। इस दौरान ब्लड प्रेशर काफी बढ़ सकता है। ऐसे में जरा-सी भी लापरवाही भारी पड़ सकती है। सर्दियों की सुबह बढ़ता ब्लड प्रेशर केवल बुजुर्गों या बढ़ती उम्र के लोगों को ही परेशान नहीं करता, बल्कि युवा वर्ग भी इसकी चपेट में आ सकता है।

गर्मियों की तुलना में सर्दियों में ब्लड प्रेशर न केवल तेजी से बढ़ता है बल्कि तेजी से गिरता भी है। खासकर सर्दियों की सुबह में ब्लड प्रेशर बहुत तेजी से बढ़ता है। इस दौरान दिल की धड़कन और नब्ज भी बहुत तेजी से बढ़ती है। हाई ब्लड प्रेशर और दिल के मरीजों के लिए सुबह के पहले तीन घंटे बेहद अहम होते हैं। दुनियाभर में सर्दियों के दौरान ही सबसे ज्यादा दिल का दौरा पड़ने के मामले सामने आते हैं। भारत में भी दिल का दौरा पड़ने से सबसे ज्यादा मौतें सर्दियों में ही होती हैं। सर्दियों में ही हाई ब्लड प्रेशर बढ़ने के सबसे ज्यादा मामले सामने आते हैं।
डॉ. पुरुषोत्तम लाल
सीनियर इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट, चेयरमैन: मेट्रो हार्ट इंस्टीट्यूट, नोएडा 


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