पिछले नौ वर्षों में मनी लांड्रिंग मामलों में सजा की दर 93% से अधिक, PMLA के 31 मामलों में पूरी हुई सुनवाई
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में लिखित उत्तर में कहा कि मनी लांड्रिंग रोकने के लिए बने कानून पीएमएलए और भगोड़े आर्थिक अपराधी अधिनियम (एफईओए ...और पढ़ें

नई दिल्ली, पीटीआई। सरकार ने सोमवार को संसद को बताया कि पिछले नौ वर्षों में मनी लांड्रिंग मामलों में सजा की दर 93 प्रतिशत से अधिक है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में लिखित उत्तर में कहा, पिछले नौ वर्षों में पीएमएलए के 31 मामलों में सुनवाई पूरी हो चुकी है। इनमें से 29 मामलों में 54 आरोपितों को दोषी ठहराया गया है।
मनी लांड्रिंग मामले में सजा की दर
इस प्रकार मनी लांड्रिंग मामले में सजा की दर 93.54 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि मनी लांड्रिंग रोकने के लिए बने कानून पीएमएलए और भगोड़े आर्थिक अपराधी अधिनियम (एफईओए) के तहत नौ वर्षों में गठित विशेष अदालत द्वारा लगभग 16,507.86 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है। ईडी ने पिछले पांच वर्षों 2018-19 से 2022-23 तक मनी लांड्रिंग से जुड़े 3,867 मामले दर्ज किए।
45 करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी है : वित्त राज्य मंत्री
इस दौरान विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत 18,252 मामले दर्ज किए। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि फर्जी जीएसटी पंजीकरण का पता लगाने के लिए चलाए गए विशेष अभियान के दौरान सात आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआइसी) के अधिकारियों ने नौ जुलाई तक 9,369 फर्जी संस्थाओं की पहचान की है और 10,902 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का पता लगाया है। 45 करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी है।
वर्ष 2021 में साइबर धोखाधड़ी के 14,007 मामले दर्ज किए गए
लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने बताया कि 2021 में साइबर धोखाधड़ी के 14,007 मामले दर्ज किए गए। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इन मामलों में आनलाइन एप्स के माध्यम से की गई धोखाधड़ी भी शामिल हैं।
नेहरू मेमोरियल संग्रहालय में लगभग 3.06 लाख किताबों का संग्रह
केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने लोकसभा को बताया कि नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (एनएमएमएल) में लगभग 3.06 लाख किताबें, सौ से अधिक पत्रिकाएं और समाचार पत्रिकाओं का संग्रह है। उन्होंने कहा, एनएमएमएल स्वतंत्रता सेनानियों, राजनेताओं, शिक्षाविदों, पर्यावरणविदों, विज्ञानियों, न्यायविदों और उद्योगपतियों और आधुनिक भारत के निर्माण में योगदान देने वाले लोगों से प्राप्त रिकार्ड और दस्तावेज का भी भंडार है। शोध कार्य के लिए दुनिया भर के विद्वानों और शिक्षाविदों द्वारा इसका उपयोग किया जाता है।

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