'सारी परंपराएं तोड़कर...' पुतिन के साथ डिनर के लिए राहुल-खरगे को निमंत्रण नहीं; सरकार पर भड़की कांग्रेस
रूसी राष्ट्रपति पुतिन के सम्मान में आयोजित रात्रिभोज में राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे को निमंत्रण न मिलने पर विवाद हो गया है। कांग्रेस ने सरकार पर ...और पढ़ें

राहुल-खरगे को पुतिन के डिनर का न्योता नहीं। फाइल फोटो
संजय मिश्र, नई दिल्ली। विदेशी राष्ट्र प्रमुखों से नेता विपक्ष को नहीं मिलने देने के विवाद के बाद शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों के प्रतिपक्ष के नेताओं को रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा आयोजित रात्रिभोज में आमंत्रित नहीं किया गया।
कांग्रेस के संचार महासचिव जयराम रमेश ने शुक्रवार शाम एक्स पर इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी तथा राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष तथा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को राष्ट्रपति पुतिन के सम्मान में आयोजित डिनर का न्यौता नहीं भेजा गया था।
हालांकि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की लाइन-लेंथ से अलग सरकार के साथ सदभावपूर्ण रिश्ते रखने वाले पार्टी के वरिष्ठ सांसद शशि थरूर को सरकारी स्तर पर निमंत्रण भेजा गया और रात्रि भोज में शामिल भी हुए।
राहुल-खरगे को पुतिन के डिनर का न्योता नहीं
राष्ट्रपति पुतिन की दो दिवसीय राजकीय यात्रा का आधिकारिक समापन उनके सम्मान में राष्ट्रपति भवन में आयोजित रात्रिभोज ही रहा जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के तमाम वरिष्ठ मंत्रियों तथा अलग-अलग क्षेत्र के चुनिंदा विशिष्ट अतिथि शामिल हुए।
इसमें खरगे-राहुल को नहीं बुलाए जाने की अटकलों पर विराम लगाते हुए जयराम ने कहा कि विपक्ष के दोनों नेताओं को न्यौता नहीं दिया गया। कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने सरकार पर सारी परंपराएं और प्रोटोकाल तोड़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि हम इससे आश्चर्यचकित हैं।
कांग्रेस ने सरकार पर परंपरा तोड़ने का आरोप लगाया
वहीं पार्टी नेता शशि थरूर को बुलाए जाने पर कहा कि न्यौता भेजने वाले और उसे स्वीकार्य करने वाले दोनों कमाल के हैं। मालूम हो कि राहुल गांधी ने गुरूवार को विदेशी राष्ट्र प्रमुखों से उनके भारत दौरे पर नेता विपक्ष के रूप में उनसे नहीं मिलने देने का सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि वे विदेश दौरे पर भी जाते हैं तो वहां के नेता उनसे न मिलें इसका संदेश भेजा जाता है।
विदेश मंत्रालय ने अनौपचारिक रूप से राहुल के दावों का खंड़न करते हुए बताया था कि बीते एक साल के दौरान भारत दौरे पर आए पांच राष्ट्र प्रमुखों से राहुल गांधी मिले थे।कांग्रेस ने भी सरकार के इस दावे पर पलटवार करते हुए जवाब दिया कि राहुल गांधी के नेता विपक्ष बनने के उपरांत 37 देशों के राष्ट्र प्रमुख भारत आए तो केवल पांच को ही उनसे मिलने की अनुमति क्यों दी गई।

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