'बीजेपी नेताओं को बांध दो', ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी के बयान से मचा बवाल
पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले, मतदाता सूची पुनरीक्षण पर तृणमूल कांग्रेस आक्रामक है। अभिषेक बनर्जी ने विवादित बयान दिया कि भाजपा नेताओं से माता-पिता के जन्म प्रमाण पत्र मांगे जाने पर उन्हें खंभे से बांध दिया जाए। उन्होंने प्रदीप कर की आत्महत्या के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया, जबकि सुवेंदु अधिकारी ने एनआरसी से संबंध नकारा। ममता बनर्जी ने भाजपा पर डर की राजनीति करने का आरोप लगाया।

अभिषेक ने दिया विवादित बयान। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। अगले साल विधानसभा चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग द्वारा बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) की घोषणा के बाद से सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस लगातार आक्रामक है। इसी बीच तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व सांसद अभिषेक बनर्जी ने बुधवार को लोगों से आग्रह किया कि अगर एसआइआर या एनआरसी सत्यापन के दौरान उनके माता-पिता के जन्म प्रमाण पत्र मांगे जाते हैं, तो स्थानीय भाजपा नेताओं को खंभे से बांध दें।
अभिषेक ने यह टिप्पणी उत्तर 24 परगना जिले के आगरपाड़ा में प्रदीप कर (57) के परिवार से मिलने के बाद की, जिन्होंने कथित तौर पर एनआरसी व एसआइआर प्रक्रिया के डर से मंगलवार को आत्महत्या कर ली थी। उनके घर से एक सुसाइड नोट मिला था जिसमें उन्होंने इस फैसले के लिए एनआरसी को लेकर व्यग्रता को जिम्मेदार ठहराया था। प्रदीप कर की मौत को सीधे एसआइआर से जोड़ते हुए अभिषेक ने दावा किया कि भाजपा और चुनाव आयोग द्वारा पैदा की गई घबराहट ने उस व्यक्ति को यह कदम उठाने के लिए मजबूर किया।
अभिषेक ने दिया विवादित बयान
अभिषेक ने कर की मौत के लिए लगातार दूसरे दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को जिम्मेदार ठहराया। आपराधिक कार्रवाई की मांग करते हुए अभिषेक ने कहा कि शाह और कुमार के खिलाफ एफआइआर दर्ज की जानी चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि क्या ये दोनों आम नागरिकों से एसआइआर के लिए मांगे गए दस्तावेज खुद पेश कर पाएंगे। अभिषेक ने कर के परिवार के सदस्यों से मुलाकात कर संवेदना व्यक्त की।
जब तक दस्तावेज नहीं दिखाए, तब तक रिहा न करें
बाद में वहां समर्थकों को संबोधित करते हुए अभिषेक ने कहा कि अगली बार जब स्थानीय भाजपा नेता आपके इलाके में आएं, तो उन्हें रोकें और उनसे अपने माता-पिता के जन्म प्रमाण पत्र दिखाने को कहें। उन्हें किसी पेड़ या खंभे से बांध दें और कहें कि जब तक वे अपने माता-पिता और दादा-दादी के दस्तावेज नहीं दिखाएंगे, तब तक उन्हें रिहा नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम हिंसा में विश्वास नहीं करते। लेकिन अगर कोई आपके माता-पिता के जन्म प्रमाण पत्र मांगते हैं, तो उन्हें मारें नहीं, बस बांध दें। तृणमूल सांसद ने कहा कि कर की मौत का बंगाल की जनता जवाब देगी।
आत्महत्या के मामले का NRC से कोई लेना-देना नहीं: सुवेंदु
दूसरी ओर, तृणमूल नेताओं के आरोपों पर पलटवार करते हुए विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष व भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी ने बुधवार को दावा किया कि उत्तर 24 परगना में एक व्यक्ति की कथित आत्महत्या का एनआरसी मुद्दे से कोई संबंध नहीं है। सुवेंदु ने आरोप लगाया कि राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी राजनीतिक लाभ के लिए एक व्यक्ति की दुखद मौत को लेकर झूठ फैला रही है। उन्होंने कहा कि प्रदीप कर की मौत का एनआरसी या एसआइआर से कोई संबंध नहीं है। यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना किसी अन्य कारण से हुई होगी। सुवेंदु ने कहा कि मृतक प्रदीप कर का नाम 2002 की मतदाता सूची में था और उन्होंने पनीहाटी विधानसभा क्षेत्र के चुनाव में मतदान भी किया था।
बंगाल में फिर NRC पर बवाल
एनआरसी के कथित डर से अधेड़ द्वारा मंगलवार को खुदकुशी किए जाने की घटना के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसके लिए भाजपा व केंद्र को जिम्मेदार ठहराया था। ममता ने भाजपा की डर और विभाजन की राजनीति की निंदा करते हुए आरोप लगाया था कि एनआरसी को लेकर पार्टी के अभियान ने लोगों में दहशत पैदा कर दी है।

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