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    गर्भ निरोधक गोलियों से महिलाओं में आते हैं मर्दों जैसे गुण, तर्क शक्ति पर भी पड़ता है असर

    By Arti YadavEdited By:
    Updated: Mon, 03 Sep 2018 02:08 PM (IST)

    गर्भ निरोधक गोली में नौ विभिन्न प्रकार के हार्मोन होते हैं, जिनकी वजह से महिलाओं पर मर्दाना प्रभाव पड़ता है।

    गर्भ निरोधक गोलियों से महिलाओं में आते हैं मर्दों जैसे गुण, तर्क शक्ति पर भी पड़ता है असर

    नई दिल्ली (जेएनएन)। अनचाहे गर्भ से निजात पाने के लिए महिलाएं और कम उम्र की लड़कियां भी गर्भनिरोधक गोलियों का सहारा ले रही हैं। इसके फायदे और नुकसान के बारे में आप जानते ही होंगे। लेकिन आज जिस चीज के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं उसके बारे में न तो शायद आपने कभी सुना होगा और न ही सोचा होगा।

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    एक रिसर्च के मुताबिक गर्भनिरोधक गोलियों के सेवन से महिलाओ में मर्दों जैसे लक्षण आने लगते हैं। गर्भ निरोधक गोली में नौ विभिन्न प्रकार के हार्मोन होते हैं, जिनकी वजह से महिलाओं पर मर्दाना प्रभाव पड़ता है। वैज्ञानिकों ने रिसर्च में पाया कि जो महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों का सहारा लेती हैं, उनका दिमाग एक पुरुष की तरह काम करता है और इस तरह की महिलाओं में व्यवहारिक परिवर्तन पाए गए। साथ ही महिलाओं के चेहरे में भी बदलाव देखे गए।

    गर्भनिरोधक गोलियों का इतिहास

    9 अप्रैल 1903 को न्यूजर्सी में एक ऐसे वैज्ञानिक का जन्म हुआ, जिसने महिलाओं की दुनिया ही बदल दी। वो थे ग्रेगोरी गुडविन पिंकस। बचपन से ही खोजी स्वभाव के पिंकस ने एक ऐसी कॉट्रासेप्ट‍िव पिल बनाई, जिसकी मदद से महिलाएं गर्भवती होने से बच सकती हैं। ग्रेगोरी की उत्सुकता हार्मोनल चेंज और रिप्रोडक्शन प्रोसेस में होने वाले बदलाव में थी। रिप्रोडक्शन प्रक्रिया को क्या बीच में रोका जा सकता है, गर्भधारण को रोका जा सकता है आदि जैसे सवालों के जवाब ढूंढने के लिए ग्रेगोरी हर दिन शोध करते रहे। अपने रिसर्च के दौरान साल 1934 में उन्हें पहली बार इस क्षेत्र में बड़ी कामयाबी मिली, जब खरगोश में विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) प्रोड्यूस करने में वो कामयाब हुए।

    गर्भनिरोधक गोलियां कैसे करती हैं काम
    हमें अक्सर बताया जाता है कि गोली में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन होता है। लेकिन किसी भी गोली में इस तरह का कोई हार्मोन नहीं पाया जाता है। इसका कारण यह है कि मौखिक रूप से लिए जाने पर, एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन व्यावहारिक होने के लिए बहुत जल्दी टूट जाते हैं। इसकी जगह, गर्भनिरोधक गोलियों में कृत्रिम स्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन होते हैं, जो अधिक स्थिर हार्मोन से बने होते हैं और जो असली हार्मोन की तरह ही होते हैं। बाजार में संयुक्त गोली के प्रत्येक ब्रांड में सिंथेटिक एस्ट्रोजेन, एथिनिल एस्ट्रैडियोल और आठ सिंथेटिक प्रोजेस्टेरोनों में से एक होता है, जिसे प्रोजेस्टिन कहा जाता है।

    एथिनिल एस्ट्रैडियोल गर्भाशय में मौजूद अंडों को निषेचित होने से रोक देता है, जबकि प्रोजेस्टिन गर्भाशय के प्रवेश द्वार पर गर्भाशय को मोटा करते हैं और गर्भ को ठहरने नहीं देते। हालांकि, गर्भावस्था को रोकने में हार्मोन प्रभावी होते हैं, लेकिन वे हमारे प्राकृतिक हार्मोन के साथ सही से मिल नहीं पाते हैं। जिसके कारण इन सिंथेटिक हार्मोन का हमारे शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है। ये भी हो सकता है कि इसकी वजह से आपके शरीर में कभी प्राकृतिक प्रोजेस्टेरोन न बन पाए।

    महिलाओ में मर्दों जैसे पाए जाने वाले लक्षण

    - महिलाओं को गर्भनिरोधक गोलियों के सेवन से मुंहासे, पसीने और अवांछित बालों जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। गर्भनिरोधक गोलियों के सेवन से महिलाओं के चेहरे पर पुरुषों की तरह बाल आने लगते हैं। वैज्ञानिकों ने इन 'मर्दाना' प्रभावों का पर अध्ययन किया है और पाया कि वे सच हैं। कुछ प्रकार की गोलियां वास्तव में महिलाओं पर बहुत बुरा प्रभाव डालती हैं। इन गोलियों का प्रभाव संवेदनशील महिलाओं पर अधिक पड़ता है।

    - रिसर्च में पाया गया कि जो महिलाएं गर्भ निरोधक गोलियों का सेवन करती हैं उनमें नए शब्दों के बारे में सोचने की क्षमता कम होती हैं और वह बातों को आसानी से घुमा या बदल सकती हैं। ऐसी महिलाओं में चीजों को लेकर जागरुकता भी अधिक होती है। वैज्ञानिकों के अनुसार ये सभी गुण पुरुषों में अधिक पाए जाते हैं।

    - एक अन्य रिसर्च में पाया गया कि गर्भ निरोधक गोलियां खाने वाली महिलाएं, भावनात्मक कहानियों को पुरुषों की तरह याद करती हैं। वह विवरण से अधिक जानकारी को याद करती है। इस तरह की महिलाएं, पुरुषों की तरह व्यक्ति की भावनाओं जैसे- गुस्सा, प्यार और दुख आदि को भी पहचान नहीं पाती हैं।

    - ये पाया गया कि महिलाएं अलग-अलग तरह की गर्भ निरोधक गोलियों का सेवन करती है। इन गोलियों के प्रभाव से उनके चेहरे में बदलाव भी आ सकते हैं।

    - सभी गोलियों में सिंथेटिक एस्ट्रोजन होता है, जिसमें महिलाओं वाले गुण पाए जाते हैं। इसका मतलब यह है कि वही महिलाएं एक ही समय में अपने दिमाग पर 'स्त्री' और 'मर्दाना' प्रभाव दोनों का अनुभव करती हैं।

    - वैज्ञानिकों को अभी तक ये तो पता नहीं चला है कि इन गोलियों का मस्तिष्क पर कोई प्रभाव पड़ता है या नहीं। लेकिन ये तो साफ है कि इनके सेवन से महिलाओं के हाव-भाव में बदलाव जरूर देखा गया है।

    - फोर्टिस अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मधु गोयल का कहना है कि बहुत कम महिलाओं पर गर्भनिरोधक गोलियों का ऐसा प्रभाव पड़ता है। अगर थोड़ी सावधानी के साथ इन गोलियों का सेवन किया जाए, तो इसके बुरे प्रभाव से बचा जा सकता है।

    महिलाओं पर पड़ने वाले अन्य प्रभाव

    - हार्मोन के स्तर में उतार चढ़ाव होने के कारण शरीर और सिर दर्द होना आम कारण हैं। कुछ गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करने से शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर कम हो जाता है, जिससे सिरदर्द होने लगता है। अगर आपको भी ऐसा कुछ अनुभव हो तो आप अपने चिकित्सक से जरूर संपर्क करें।

    - अगर आपको भोजन करने के बाद मिचली सी महसूस हो तो ऐसे में आप इन गोलियों का सेवन करने से पहले ही कर लें। कुछ दिनों के लिए आप एक ही समय में गोली लें। इससे इसके साइड इफेक्ट्स नहीं होंगे।

    - गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करने के कारण स्तन में सूजन और कठोरता का अनुभव किया जाता है। यह हार्मोनल परिवर्तन के कारण होता है। गर्भनिरोधक गोलियां का सेवन करने पर नमक और कैफीन का सेवन करना एकदम बंद कर दें। इसके अलावा एक ऐसी ब्रा पहनें जो कि आपके स्तन का समर्थन करता हो। अगर आपके सीने में दर्द या सांस लेने में किसी भी तरह की परेशानी होने पर अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

    - जब आप गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करती हैं तो ऐसे में आपको तीन महीनों तक असामान्य रक्तस्राव होने का अनुभव होता है। गर्भनिरोधक गोलियों से एंडोमेट्रियल स्तर कमजोर हो जाता है, जिस कारण गर्भाशय से खून बहने लग जाता है। अगर 5 दिन से अधिक खून बहे तो ऐसे में आप डॉक्टर से अवश्य परामर्श करें।

    - गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करने से खून के थक्के जैसी गंभीर समस्या का सामना करना पड़ जाता है। वह महिलाएं जो कि ओवरवेट होती हैं और वह जिनकी उम्र 35 वर्ष से अधिक हो, उनके लिए यह काफी खतरनाक समस्या बनकर सामने आती है। अगर आपको सांस लेने में अधिक परेशानी हो रही है, सीने में दर्द या पैरों में सूजन जैसी कोई भी परेशानी हो रही हो तो ऐसे में आपकी किड़नी, फेफड़ों और हृदय में रक्त के थक्के बन सकते हैं।

    - जिन महिलाओं की आंखों की रोशनी पहले से ही कम हो उनकी आंखों की रोशनी गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करने से कम हो जाती है। इतना ही नहीं इनका सेवन करने से आंखों की पुतलियों में सूजन आ जाती है। लंबे समय से गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करने से ग्लूकोमा होने का खतरा बना रहता है।

    - डॉक्टर मधु गोयल का कहना है कि एक बार किसी भी गर्भनिरोधक गोली का सेवन करने से पहले किसी डॉक्टर से सलाह जरूर ले। अगर गर्भनिरोधक गोलियों के उपयोग से कोई परेशानी आती है, तो डॉक्टर के परामर्श से उन्हेें बदला जा सकता है। डॉक्टर महिला के अनुसार गर्भ निरोधक या उसके लेने के समय में बदलाव करने की सलाह देती है। मधु गोयल के अनुसार अगर आप गर्भ निरोधक का सेवन नहीं करना चाहती, तो बाजार में और भी कई ऐसे तरीके हैं, जिनका उपयोग किया जा सकता है।