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    COVID-19 : श्रावण मास में दूध व हरी सब्जियों का सेवन हानिकारक, RSS ने अपनी एप शाखा से किया सतर्क

    कोरोना काल में यह घातक हो सकता है। संघ ने आगाह करते हुए बताया है कि वर्षा ऋतु से आदान काल समाप्त होकर सूर्य दक्षिणायन हो जाता है और विसर्ग काल शुरू हो जाता है। इन दिनों हमारी जठराग्नि अत्यंत मंद हो जाती है।

    By Neel RajputEdited By: Updated: Thu, 29 Jul 2021 07:46 PM (IST)
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    वर्जित सामग्री का उपयोग हो सकता है नुकसानदेह

    बिलासपुर [राधाकिशन शर्मा]। कोरोना संक्रमण को देखते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपनी एप शाखा के जरिए सावन में खानपान को लेकर सलाह दी है। इसमें गाय-भैंस का दूध व हरी भाजी का सेवन नहीं करने पर जोर दिया गया है। इस बारे में जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डा. प्रदीप शुक्ला ने बताया कि भाजियों व घास में इन दिनों कीटाणु और बैक्टीरिया सक्रिय होते हैं। कच्ची घास खाने से गाय-भैंस का दूध प्रभावित होता है। भाजियों से भी नुकसान होता है। साथ ही इन दिनों हमारी जठराग्नि अत्यंत मंद हो जाती है। इससे अजीर्ण, अपच, मंदाग्नि, उदर विकार आदि होते हैं। इनका असर इम्युन सिस्टम को कमजोर करने वाला है।

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    कोरोना काल में यह घातक हो सकता है। संघ ने आगाह करते हुए बताया है कि वर्षा ऋतु से आदान काल समाप्त होकर सूर्य दक्षिणायन हो जाता है और विसर्ग काल शुरू हो जाता है। इन दिनों हमारी जठराग्नि अत्यंत मंद हो जाती है। इसके कारण खानपान के अलावा रहन-सहन पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। शाखा एप में देर से पचने वाला आहार से बचने की सलाह दी गई है। सुपाच्य और सादे भोजन व खाद्य पदार्थो का सेवन सबसे उपयुक्त बताया गया है। बासी, रूखे और उष्ण प्रकृति के पदार्थो से परहेज करना चाहिए। बारिश के मौसम में गेहूं, जौ और पुराने चावल का सेवन सबसे ज्यादा लाभप्रद बताया गया है।

    इस पर दें विशेष ध्यान शाखा एप में बताया गया है कि भोजन बनाते समय आहार में थोड़ा सा शहद मिला देने से मंदाग्नि दूर होती है व भूख खुलकर लगती है। अल्प मात्रा में शहद के नियमित सेवन से अर्जीण, थकान, वायुजन्य रोगों से भी बचाव होता है। वर्षा ऋतु में उदर रोग अधिक होता है। लिहाजा भोजन में अदरक व नींबू का प्रयोग प्रतिदिन करने की सलाह दी है। नींबू वर्षा ऋतु में होने वाली बीमारियां में बहुत ही लाभदायक है।

    आम और जामुन सर्वोत्तम फल

    आयुर्वेद के अनुसार, वर्षा ऋतु में आम और जामुन को सर्वोत्तम माना गया है। आम आंतों को शक्तिशाली बनाता है। चूसकर खाया हुआ आम पचने में आसाना, वायु तथा पित्तविकारों का शमन करता है। जामुन दीपन, पाचन व कई उदर रोगों में लाभकारी है।

    आम में विटामिन ए, सी और के की प्रचुरता होती है। विटामिन के हड्डियों को मजबूत करता है। विटामिन ए आंखों के लिए अच्छा होता है। प्रति 100 ग्राम आम में 36.4 मिलीग्राम विटामिन सी, 4.2 माइक्रोग्राम विटामिन के और 1082 आइयू होता है। विटामिन सी के कारण इम्युनिट सिस्टम दुस्त रहता है। प्रति 100 ग्राम जामुन में कार्बोहाइड्रेट-14 ग्राम, फाइबर- 0.6 ग्राम, वसा- 0.23 ग्राम, विटामिन, कैल्शियम, आयरन व पोटेशियम- 0.995 ग्राम।