Green Electricity: उपभोक्ता किसी भी जगह से खरीद सकेंगे ग्रीन बिजली, सरकार ने बनाया नया नियम, जानें- सब कुछ
Green Electricity ग्रीन बिजली ओपन एक्सेस नियम को अमल में लाने के लिए बिजली मंत्रालय एक नोडल एजेंसी बनाएगा और एक पोर्टल भी तैयार किया जाएगा। बिजली मंत् ...और पढ़ें

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। औद्योगिक और व्यावसायिक उपभोक्ता किसी भी जगह से ग्रीन बिजली मंगा सकेंगे। बिजली मंत्रालय ने इस संबंध में ग्रीन एनर्जी ओपन एक्सेस नामक नया नियम अधिसूचित किया है। इस नियम के मुताबिक दिल्ली का कारोबारी और औद्योगिक उत्पादन करने वाला उद्यमी उत्तर प्रदेश या राजस्थान की बिजली वितरण कंपनी (डिस्कॉम) से ग्रीन बिजली मंगा सकता है। आम उपभोक्ता भी अपने इलाके की डिस्कॉम से ग्रीन बिजली देने की मांग कर सकते हैं और नए नियम के मुताबिक कोई भी डिस्कॉम ग्रीन बिजली देने से इनकार नहीं कर सकता है।
ग्रीन बिजली के लिए ऐसे कर सकते हैं आवेदन
ग्रीन बिजली ओपन एक्सेस नियम को अमल में लाने के लिए बिजली मंत्रालय एक नोडल एजेंसी बनाएगा और एक पोर्टल भी तैयार किया जाएगा। बिजली मंत्रालय के मुताबिक आगामी 60 दिनों में ग्रीन बिजली के ओपन एक्सेस को लागू करने की पूरी तैयारी कर ली जाएगी। कोई भी उद्यमी या कारोबारी ग्रीन बिजली मंगाने के लिए पोर्टल के माध्यम से आवेदन करेगा ताकि ग्रीन बिजली की मांग को इनकार पर इसका पता चल सकेगा।
ग्रीन बिजली के लिए 15 दिन के भीतर मिलेगी मंजूरी
ग्रीन बिजली के लिए आवेदन करने पर 15 दिनों के भीतर मंजूरी की प्रक्रिया पूरी करनी होगी। ऐसा नहीं करने पर उस आवेदन को मंजूर माना जाएगा। अभी यह तय नहीं हो पाया है कि ग्रीन बिजली की दरें क्या होंगी। राज्यों के विद्युत नियामक आयोग ग्रीन एनर्जी की दरें तय करेंगे।
बिजली मंत्रालय के मुताबिक हो सकता है ग्रीन बिजली की दरें
सामान्य बिजली की दरों से मामूली अधिक हो, लेकिन इससे पर्यावरण को बचाने में काफी मदद मिलेगी। अभी मुंबई में 70,000 से अधिक उपभोक्ताओं ने अपने-अपने घरों में ग्रीन बिजली सप्लाई देने की मांग की है जबकि उन्हें थोड़ा अधिक चार्ज देना पड़ रहा है।
ग्रीन बिजली का इस्तेमाल पूरी तरह से स्वैच्छिक होगा
बिजली मंत्री आर.के. सिंह ने कहा कि वह सभी उद्यमी और कारोबारियों को ग्रीन बिजली पर शिफ्ट होने के लिए कहेंगे ताकि कोयले से उत्पादित बिजली के इस्तेमाल को कम किया जा सके। ग्रीन बिजली का इस्तेमाल पूरी तरह से स्वैच्छिक होगा।
बिजली उत्पादक कंपनियों ने कोयला आयात आरंभ किया
बिजली मंत्री ने बताया कि बिजली उत्पादक कंपनियों ने कोयले का आयात आरंभ कर दिया है ताकि बिजली उत्पादन में दिक्कत नहीं हो। उन्होंने कहा कि बिजली उत्पादक कंपनियों की जरूरत के मुताबिक कोल इंडिया कोयले का उत्पादन नहीं कर रही थी, इसलिए बिजली उत्पादक कंपनियों का कोयले का रिजर्व कम होता जा रहा था।
उन्होंने कहा कि आयातित कोयले की ग्रास कैलोरिफिक वैल्यू (जीसीवी) अधिक होती है और इस वजह से आयातित कोयला घरेलू कोयले के मुकाबले अधिक बिजली का उत्पादन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि पिछले साल के मुकाबले देश में बिजली की मांग में 40-45 हजार मेगावाट की बढ़ोतरी दर्ज की जा चुकी है।

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