वॉच टावर पर तैनात कांस्टेबल की गोली लगने से मौत, परिजन बोले- 'किसी भी एंगल से सुसाइड नहीं'
राजस्थान के भीलवाड़ा जिला जेल में ड्यूटी पर तैनात कांस्टेबल रामकिशोर मोडिवाल की गोली लगने से मौत हो गई। जेल अधीक्षक के अनुसार, उनकी सर्विस राइफल से तीन फायर हुए, जिनमें से एक गोली उनके सीने में लगी। परिजनों ने इसे आत्महत्या मानने से इनकार करते हुए घटना को संदिग्ध बताया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

रामकिशोर की सर्विस राइफल एसएलआर से तीन फायर हुए (प्रतीकात्मक तस्वीर)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजस्थान के भीलवाड़ा जिला जेल में शनिवार रात ड्यूटी के दौरान वॉच टावर पर तैनात कांस्टेबल रामकिशोर मोडिवाल (37) की गोली लगने से मौत हो गई। घटना रात करीब 10 बजे हुई।
जेल अधीक्षक शैलेंद्र सिंह फौजदार ने बताया कि आरएसी की 13वीं बटालियन में तैनात रामकिशोर की सर्विस राइफल एसएलआर से तीन फायर हुए, जिनमें से एक गोली सीने में लगने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
ड्यूटी बदलने पहुंचे संतरी बाबूलाल ने जब रामकिशोर को आवाज दी और कोई जवाब नहीं मिला तो वह टावर पर चढ़ा, जहां रामकिशोर खून से लथपथ पड़ा था। उसने तुरंत अधिकारियों को सूचना दी। मौके पर कोतवाली पुलिस, एफएसएल और एमओबी टीम पहुंची और घटनास्थल की जांच की।
प्रारंभिक जांच में पाया गया कि एसएलआर राइफल ऑटोमेटिक मोड पर थी, जिससे तीन फायर एक साथ हुए। दो गोलियां हवा में चलीं, जबकि एक गोली लेफ्ट साइड से शरीर में प्रवेश कर पीछे से निकल गई। दो गोलियों के खोल टावर पर और एक नीचे मिला।
मृतक के परिजनों ने कहा कि यह किसी भी कोण से आत्महत्या का मामला नहीं है और घटना संदिग्ध है। वहीं, घटना से कुछ घंटे पहले रामकिशोर ने फेसबुक पर पोस्ट किया था— 'जिंदगी में जब भी अवसर मिले, उसका आनंद लो, पता नहीं कौन-सी रात आखिरी होगी।'
फिलहाल पुलिस सभी पहलुओं की जांच कर रही है। शव को महात्मा गांधी अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखवाया गया है।

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