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'ED छापेमारी का चुनावी बॉन्ड से कनेक्शन सिर्फ मान्यता पर आधारित', वित्त मंत्री बोलीं- SC के फैसले से हमें...

चुनावी बॉन्ड खरीदने वाली कंपनियों के नाम निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर सार्वजनिक किए जाने के बाद शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ईडी की छापेमारी का चुनावी बॉन्ड के तहत दिए गए दान का कोई लिंक नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्हें राज्यों की तरफ से रेवड़ी बांटने पर कोई ऐतराज नहीं है लेकिन उस काम के लिए राज्य के बजट में उसका प्रविधान होना चाहिए।

By Jagran News Edited By: Anurag GuptaPublished: Fri, 15 Mar 2024 10:00 PM (IST)Updated: Fri, 15 Mar 2024 10:00 PM (IST)
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (फोटो: एएनआई)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चुनावी बॉन्ड खरीदने वाली कंपनियों के नाम निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर सार्वजनिक किए जाने के बाद शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि ईडी की छापेमारी का चुनावी बॉन्ड के तहत दिए गए दान का कोई लिंक नहीं है।

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वित्त मंत्री सीतारमण ने क्या कुछ कहा?

उन्होंने कहा कि ईडी की छापेमारी और चुनावी बॉन्ड के तहत दान को जोड़ने की जो धारणा बनाई जा रही है वह सिर्फ मान्यता पर आधारित है। उन्होंने कहा,

ऐसा कैसे कहा जा सकता है कि ईडी की छापेमारी से जुड़ी कंपनियों ने भाजपा को चुनावी बॉन्ड के तहत दान दिया, हो सकता है उन कंपनियों ने किसी और पार्टी को दान दिया हो।

नई दिल्ली में एक मीडिया हाउस के कार्यक्रम में वित्त मंत्री से पूछा गया था कि चुनावी बॉन्ड के तहत चंदा देने वाली 30 कंपनियों में से कम से कम 15 कंपनियों पर ईडी की छापेमारी की गई है। सीतारमण ने कहा कि यह सिर्फ मान्यता पर आधारित है कि इन कंपनियों ने खुद को सुरक्षित करने के लिए चुनावी बॉन्ड के तहत राजनीतिक पार्टियों को चंदा दिया है, क्योंकि चंदा देने के बाद भी उन कंपनियों के पास फिर से ईडी को भेजा जा सकता है।

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'UPA की प्रणाली से बेहतर था चुनावी बॉन्ड'

चुनावी बॉन्ड पर पूछे गए सवाल के जवाब में सीतारमण ने कहा कि राजनीतिक दलों को चंदा के लिए वर्ष 2017 में लागू की गई चुनावी बॉन्ड प्रणाली से पहले जो प्रणाली थी वह कहीं से ठीक नहीं थी। कम से कम चुनावी बॉन्ड प्रणाली के तहत खाते से राजनीतिक पार्टियों को पैसा मिल रहा था। यह प्रणाली भी पूर्ण नहीं थी, लेकिन यूपीए की तरफ से लागू की गई प्रणाली से बेहतर थी।

'राज्यों की तरफ से रेवड़ी बांटने पर मुझे कोई ऐतराज नहीं'

उन्होंने कहा कि चुनावी बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से निश्चित रूप से हमें सबक लेने की जरूरत है और जब कभी इसे लेकर कोई नियम बनाया जाता है या कोई प्रणाली बनती है, हालांकि इस पर हम कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सकते हैं, लेकिन जब कभी ऐसा होता है तो इस प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाने की कोशिश की जाएगी। सीतारमण ने कार्यक्रम में यह भी कहा,

उन्हें राज्यों की तरफ से रेवड़ी बांटने पर कोई ऐतराज नहीं है, लेकिन उस काम के लिए राज्य के बजट में उसका प्रविधान होना चाहिए। एक तरफ राज्य फंड का रोना रोते हैं और दूसरी तरफ रेवड़ी की घोषणा करते हैं।

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