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    'वोटर लिस्ट से नाम हटाने की प्रक्रिया', SIR को लेकर पवन खेड़ा का बयान 

    Updated: Wed, 03 Dec 2025 05:00 AM (IST)

    कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि एसआइआर में पारदर्शिता नहीं बरती जा रही है और ...और पढ़ें

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    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) से जुड़े मुद्दों को इसलिए उठा रही है क्योंकि लोगों की नागरिकता, पहचान और सम्मान पर हमला हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह प्रक्रिया बिना ईमानदारी के की जा रही है।

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    दावा किया कि चल रही एसआइआर नए नाम जोड़ने की नहीं, बल्कि नाम हटाने की प्रक्रिया है और यह ईमानदारी से नहीं किया जा रहा है।

    2002 में हुए SIR में नहीं हुआ था कोई विवाद

    एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान जब आखिरी एसआइआर किया गया था, तब कोई विवाद नहीं हुआ था।

    CEC से कांग्रेस ने मांगा जवाब

    उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार से जवाब मांगा। इसे लेकर आज विवाद इसलिए हो रहा है, क्योंकि ज्ञानेश कुमार सवालों के जवाब नहीं दे पा रहे हैं। खेड़ा ने कहा कि अब बंगाल में भाजपा भी दावा कर रही है कि एसआइआर में कुछ गड़बड़ है। तो ऐसा कैसे हो सकता है कि बंगाल में एसआइआर गड़बड़ है और बिहार में ठीक है। क्या ज्ञानेश कुमार तय करेंगे कि जनता वोट दे सकती है या नहीं।

    उन्होंने कहा कि डा. बीआर आंबेडकर द्वारा प्रत्येक नागरिक को दिया गया वोट का अधिकार लोकतंत्र में एक ढाल और एक तलवार की तरह है। अगर वह ढाल और तलवार छीन ली गई तो आप पर हमले होंगे, चाहे सरकार की ओर से हों या दूसरों की ओर से।