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    सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस ने तैयार किया डोजियर

    By Ravindra Pratap SingEdited By:
    Updated: Wed, 19 Jul 2017 10:08 PM (IST)

    अब आधार को हर क्षेत्र में अनिवार्य कर लोगों की निजता पर अतिक्रमण के सवाल को भी उठाने की तैयारी है।

    सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस ने तैयार किया डोजियर

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र में मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा करने की कांग्रेस ने रणनीति तो बनाई लेकिन वह लीक हो गई। मानसून सत्र के दूसरे ही दिन भाजपा ने इसी के सहारे हल्ला भी बोल दिया कि कांग्रेस केवल कार्यवाही बाधित करने की मंशा से उतरी है। बहरहाल जो डोजियर है उसमें किसानों की बदहाली, गोरक्षा के नाम पर उन्मादी भीड़ की हिंसा के शिकार अखलाक और जुनैद के मामले से लेकर दलित-अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न की घटनाओं के साथ गुजरात सरकार के जीका वायरस की रिपोर्ट छिपाने सरीखे मामलों की लंबी लिस्ट है।

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    इसी रणनीति के तहत बुधवार को संसद के दोनों सदनों में किसान और हिंसा का मामला उठाया गया। कांग्रेस के इस डोजियर में सहारनपुर में दलितों के साथ हिंसा और उत्पीड़न की घटनाओं में भाजपा के सांसद राघव लखनपाल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूमिका के दावे भी किए गए हैं। देश में किसानों की बदहाल स्थिति खासकर मध्यप्रदेश में बेहाल किसानों पर पुलिस की गोलीबारी की घटना को अहम मुद्दों में रखते हुए केंद्र को घेरने की पार्टी की रणनीति है। इसका खासा ध्यान रखा गया है कि जीएसटी व अन्य ऐसे मुद्दों को नीचे रखा जाए जिसका जनता में बहुत असर नहीं है। संवेदनशील और सनसनीखेज मामले उपर रखे गए हैं।

    कांग्रेस के इस डोजियर में डोकालाम सीमा पर चीन के साथ जारी खींचतान के मुद्दे को भी रखा गया है। साथ ही जम्मू-कश्मीर सीमा पर पाकिस्तान की आक्रामक गोलीबारी को रोकने में कथित नाकामी पर भी सवाल उठाने की तैयारी है। मुद्दों की इस लिस्ट में जहां जीएसटी को जल्दबाजी में लागू करने की वजह से हो रही दिक्कतों को प्रमुखता से उठाने की बात है। वहीं नोटबंदी के बाद अब भी उसकी मार से आम छोटे लोगों के नहीं उबर पाने को भी इस सूची में रखा गया है। कांग्रेस के नवगठित रिसर्च विभाग ने इन तमाम मुद्दों पर सरकार की कमजोरियों को रेखांकित करते हुए पार्टी सांसदों से इसे सदन में उठाने को कहा गया है। पार्टी की रणनीति साफ तौर पर मानसून सत्र के दौरान हर रोज डोजियर के किसी न किसी मुद्दे को उठाते हुए सरकार को घेरने की है।

    मोदी सरकार के तीन साल के कार्यकाल में नई नौकरियों के मौके बेहद कम हो जाने को भी कांग्रेस के डोजियर का अहम हिस्सा बनाया गया है। अर्थव्यवस्था की चुनौतियों और मेक इन इंडिया के रफ्तार नहीं पकड़ने के परिप्रेक्ष्य में नौकरियों के मसले को कांग्रेस प्रमुखता से सदन में उठाएगी।

    अब आधार को हर क्षेत्र में अनिवार्य कर लोगों की निजता पर अतिक्रमण के सवाल को भी उठाने की तैयारी है। भाजपा-एनडीए सरकार के शिक्षण संस्थाओं और शिक्षा व्यवस्था के कथित भगवाकरण, डाक्यूमेंट्री फिल्म दिखाने पर सूचना प्रसारण मंत्रालय की रोक को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रहार, बीते तीन साल में मनरेगा की मजदूरी नहीं बढ़ने, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत रसोई गैस हासिल करने वालों को बाद में गैस सिलेंडर की आपूर्ति नहीं किए जाने के साथ स्मार्ट सिटी योजना की कछुआ चाल जैसे मसले डोजियर का हिस्सा है।

    मोदी सरकार के तीन साल का देश भर में जश्न मनाने के लिए सरकारी कंपनियों पर जबरन लादे गए आर्थिक बोझ का मसला भी सूची में शामिल है। पार्टी सांसदों को सरकार के खिलाफ डोजियर थमाने के साथ ही कांग्रेस ने यह साफ संकेत दे दिया है कि केवल राजनीतिक मसलों ही नहीं मानूसन सत्र के दौरान वह हर दिन जनता से जुड़े अहम मुद्दों पर सरकार की खामियों को उजागर करने का कोई मौका नहीं छोड़ेगी।

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