'मोदी जी! देश की रक्षा कवच को बचा लीजिए', हिमालयी क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रहे भूस्खलन पर कांग्रेस सांसद ने जताई चिंता
उत्तराखंड के धराली में बादल फटने से हुए भूस्खलन के बाद कांग्रेस सांसद उज्ज्वल रमण सिंह ने हिमालयी क्षेत्रों में बढ़ते भूस्खलन पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर तत्काल उच्च स्तरीय बैठक बुलाने का आग्रह किया है। पत्र में उन्होंने हिमालय के पर्यावरण और नदियों को बचाने की आवश्यकता पर जोर दिया और संसाधनों के दोहन पर नियंत्रण की बात कही।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उत्तराखंड के धराली में हाल ही में बादल फटने से हुई भूस्खलन की दिल दहला देने वाली घटना के बाद हिमालयी क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रहे भूस्खलन को लेकर पर्यावरणविदों के साथ ही सांसदों की भी चिंता सामने आयी है।
प्रयागराज से कांग्रेस सांसद उज्जवल रमण सिंह ने इस मुद्दे की अगुवाई की है और इसे लेकर प्रधानमंत्री को एक पत्र भी लिखा है। जिसमें उन्होंने इस मुद्दे पर अपने साथ कई अन्य सांसदों की भी चिंता साझा की और कहा है कि इस गंभीर विषय पर तुरंत वह एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाए।
पत्र में कांग्रेस सांसद ने क्या-क्या लिखा?
पीएम को लिखे पत्र में सिंह ने कहा है कि इस देश की ढाल, रक्षा कवच और जीवनदायी नदियों व जंगलों की एक बड़ा स्त्रोत हिमालय है।
इसके पर्यावरण और गंगा, यमुना जैसी जीवनदायी नदियों के पारिस्थितिकी तंत्र को बचाना आज हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है। यदि हमने हिमालयी संसाधनों, वनो, नदियों, जलस्त्रोतो व पहाड़ों के दोहन पर एक लक्ष्मण रेखा नहीं खींची तो इसके दुष्परिणाम न केवल वर्तमान बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी भुगतने होंगे।
इस दौरान उन्होंने उच्च हिमालय में पहुंच और प्रतिबंधित क्षेत्र को चिन्हित करने की मांग की। साथ ही यहां रहने वाले निवासियों को ग्रीन बोनस के तहत सौर ऊर्जा, गैस सिलेंडर आदि में सब्सिडी का देने का प्रस्ताव दिया।
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