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    कांग्रेस का दलित महाकुंभ : पोस्टर पर कन्हैया का फोटो, विवाद

    By Manoj YadavEdited By:
    Updated: Sat, 27 Feb 2016 09:52 AM (IST)

    कांग्रेस के दलित महाकुंभ की शुरूआत शुक्रवार को महाकाल नगरी उज्जैन से हुई। ...और पढ़ें

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    उज्जैन (ब्यूरो)। कांग्रेस के दलित महाकुंभ की शुरूआत शुक्रवार को महाकाल नगरी उज्जैन से हुई। इससे पहले उस समय विवाद की स्थिति बन गई जब चामुंडा माता चौराहा क्षेत्र में आयोजन से संबंधित पोस्टर पर कन्हैया का फोटो लगा था।

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    इस पर भारतीय जनता युवा मोर्चा ने आपत्ति उठाई और कुछ कार्यकर्ताओं ने इन पोस्टरों को निकालना शुरू किया। इस पर प्रदेश कांग्रेस महासचिव महेश परमार व सचिव चेतन यादव ने कार्यकर्ताओं को रोकने की कोशिश की। इससे विवाद की स्थिति बनी। बाद में पोस्टर निकालने वाले कार्यकर्ताओं को वहां से खदेड़ा गया।

    इधर दलित महाकुंभ में कांग्रेस महासचिव दिग्विजयसिंह ने कहा- मोदी को शर्म ही नहीं आती। वे बिना बुलाए पाकिस्तान चले गए। इससे हिंदुस्तान का मान बढ़ा नहीं बल्कि घटा। उन्होंने गृहमंत्री राजनाथसिंह को चुनौती दी कि उनमें जरा भी राजधर्म है तो वे उन लोगों पर तुरंत कानूनी कार्रवाई करें जो कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांध्ाी पर अभद्र भाषा का उपयोग कर रहे हैं और उन्हें सार्वजनिक रूप से मारने की धमकी दे रहे हैं। कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे, राज्यसभा सांसद पीएल पुनिया, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ कांग्रेस के अध्यक्ष राजू, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अस्र्ण यादव, मीनाक्षी नटराजन, विधायक जीतू पटवारी, सांसद कांतिलाल भूरिया मौजूद थे।

    भूरिया को थमाई चांदी की गदा

    दलित महाकुंभ में रतलाम झाबुआ संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव में जीत हासिल कर सांसद बने कांतिलाल भूरिया को राजनीति का मध्यप्रदेश का केशरी कह कर चांदी की गदा भेंट कर सम्मानित किया। डॉ. भीमराव आंबेडकर के जीवन पर केंद्रित चित्र प्रदर्शनी लगाई गई।

    मंच पर धक्कामुक्की, मैदान पड़ा छोटा

    आयोजन स्थल काफी छोटा होने से भीड़ ज्यादा रही। मंच पर भी अतिथियों की भरमार होने से ध्ाक्कामुक्की व खींचतान ज्यादा रही।

    ये प्रमुख प्रस्ताव पारित

    महाकुंभ में कुछ अधिकार प्रस्ताव पेश किए गए, जिन्हें पारित किया गया। प्रमुख ये हैं-

    - राज्य के सभी ब्लॉक में अजा समुदाय के बच्चों के लिए नवोदय जैसे स्कूल खोले जाएं।

    - अजा वर्ग के छात्रों के लिए निजी और सरकारी संस्थानों में शिक्षण सुविधा के लिए फंड स्थापित किया जाए।

    - निजी संस्थानों में भी अजा को नौकरियों में आरक्षण दिया जाए।

    - सभी आरक्षित सीटें सही तरीके से भरी जाएं। सरकारी नौकरियों में बैकलॉग क्लियर करने के लिए कदम उठाए जाएं।

    - अजा व जनजति के रोगियों का शासकीय व निजी चिकित्सालयों में रियायती मूल्य पर उपचार कराया जाए।