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    'कई राज्यों में पार्टी का ढांचा कमजोर, कैसे करेंगे मॉनिटरिंग?' SIR की खिलाफत कांग्रेस के लिए क्यों नहीं आसान

    Updated: Wed, 19 Nov 2025 11:30 PM (IST)

    कांग्रेस ने एसआईआर को वोट चोरी का माध्यम बताकर चुनाव आयोग के विरुद्ध संघर्ष का ऐलान किया है, लेकिन राज्यों में एसआईआर प्रक्रिया पर निगरानी रखना कांग्रेस के लिए चुनौती है। कमजोर संगठनात्मक ढांचे वाले राज्यों में जागरूकता पदयात्रा निकालने पर विचार किया जा रहा है। खरगे ने कार्यकर्ताओं को सतर्क रहने की हिदायत दी है ताकि वास्तविक मतदाताओं के नाम न काटे जाएं और फर्जी नाम शामिल न हों।

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    कांग्रेस का एसआईआर पर विरोध प्रदर्शन

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस ने एसआइआर को वोट चोरी का जरिया बता चुनाव आयोग के खिलाफ मैदान में उतरने का एलान तो कर दिया है मगर राज्यों में एसआइआर की प्रक्रिया पर गहरी निगरानी पार्टी के लिए चुनौती बनी हुई है।

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    पार्टी ने एसआइआर वाले राज्यों में कांग्रेस इकाईयों से बड़ी संख्या में अपना बूथ लेवल एजेंट यानि बीएलए नियुक्त करने को कहा है पर कई प्रदेशों में संगठन का कमजोर ढांचा उसकी चिंता बढ़ा रहा है। इस चिंता के मद्देनजर कमजोर संगठन ढांचे वाले राज्यों के गांव-पंचायतों तक एसआइआर को लेकर कांग्रेस की ओर से जागरूकता पदयात्रा निकालने के विकल्प पर गौर करने की पैरोकारी शुरू हो गई है।

    कांग्रेस का एसआईआर पर विरोध प्रदर्शन

    इसकी हिमायत करने वाले नेताओं का तर्क है कि ऐसी जागरूकता के जरिए एसआइआर के दौरान मतदातओं के काटे जा रहे नामों को कुछ हद तक रोका जा सकता है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा मंगलवार को एसआइआर वाले 12 राज्यों की बुलाई गई बैठक के दौरान बीएलए की संख्या बढ़ाने से संबंधित चर्चा के दौरान यह सुझाव रखा गया।

    सूत्रों के अनुसार पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि पर्याप्त संख्या में बीएलए नियुक्त कर दिए जाने के बाद भी बूथ स्तर पर इनके कामकाज की मानिटरिंग कैसे होगी क्योंकि कई राज्यों में संगठन का ढांचा कमजोर है और ब्लॉक-जिला स्तर पर भी कई जगह संगठन का तंत्र निष्क्रिय है।

    राज्यों में निगरानी में चुनौती

    बिहार के एसआइआर में भी बड़ी संख्या में बूथों पर हम बीएलए तक नहीं बना पाए और उत्तरप्रदेश में भी यही स्थिति है। पश्चिम बंगाल में भी बूथ स्तर पर संगठनात्मक सक्रियता की सीमाएं हैं। सूत्रों के मुताबिक खरगे और राहुल गांधी से मुखातिब होते हुए दिग्विजय ने दावा किया कि एसआइआर प्रक्रिया में भाजपा और चुनाव आयोग स्पष्ट रूप से घालमेल कर रहे हैं मगर इस सांठगांठ का मुकाबला करने के लिए हमारे पास राज्यों में मजबूत संगठन की ताकत नहीं है।

    इसलिए एसआइआर पर जागरूकता के लिए कांग्रेस को पंचायत स्तर तक पदयात्रा शुरू कर गांव-गांव जाकर मतदाताओं को जागरूक करना होगा।उनका कहना था कि भाजपा और आयोग की कथित मिलीभगत का मुकाबला करने के लिए पार्टी के पास और कोई विकल्प नहीं है।

    कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने इस बैठक के दौरान एसआइआर वाले सभी 12 राज्यों के कार्यकर्ताओं, बीएलए और जिला से लेकर ब्लाक अध्यक्षों को निरंतर सतर्क रहने की हिदायत दी ताकि वास्तविक वोटर का नाम न कटने पाए और फर्जी नाम मतदाता सूची में शामिल न किए जा सकें।