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    'CWC ने टैगोर की सलाह मानी थी', वंदे मातरम् विवाद पर कांग्रेस का पीएम मोदी पर पलटवार 

    Updated: Sun, 09 Nov 2025 06:58 PM (IST)

    कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पीएम मोदी के वंदे मातरम पर दिए बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने 1937 में कांग्रेस वर्किंग कमेटी के रवींद्रनाथ टैगोर की सलाह से प्रभावित होकर दिए गए बयान का हवाला दिया, जिसमें गाने की शुरुआती दो पंक्तियों को ही गाने की बात कही गई थी। रमेश ने पीएम पर टैगोर का अपमान करने का आरोप लगाया।

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    कांग्रेस नेता जयराम रमेश और पीएम मोदी। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर 1937 में वंदे मातरम पर कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) के बयान को भारत के बंटवारे से जोड़ने के लिए हमला बोला है।

    उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में प्रधानमंत्री की टिप्पणियों का जवाब देने के लिए महात्मा गांधी के 'द कलेक्टेड वर्क्स' से कुछ अंश शेयर किए, जिसके मुताबिक, कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने 28 अक्टूबर 1937 को रवींद्रनाथ टैगोर की सलाह से प्रभावित वंदे मातरम् के बारे में एक बयान जारी किया था।

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    क्या कहा गया था बयान में?

    बयान में साफ किया गया था कि राष्ट्रीय सभाओं में गाने के सिर्फ पहले दो पंक्ति ही गाई जानी चाहिए, क्योंकि वे बिना किसी धार्मिक संदर्भ के भारत की सुंदरता और भावना को दर्शाते हैं। जिन पंक्तियों में धार्मिक बाते थीं, उनका इस्तेमाल बहुत कम होता था। कमेटी ने माना कि मुस्लिम नेताओं ने गाने के कुछ हिस्सों पर आपत्ति जताई थी और उन चिंताओं को सही माना।

    हालांकि, कमेटी ने यह भी कहा कि पहली दो पंक्तियां राष्ट्रीय आंदोलन का एक अटूट हिस्सा थे और ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारत की एकता का प्रतीक थे।

    जयराम रमेश ने शेयर कीं ये चीजें

    शनिवार को रमेश ने प्रभात कुमार मुखोपाध्याय की लिखी और 1994 में विश्व-भारती द्वारा पब्लिश रवींद्रनाथ टैगोर की बायोग्राफी, 'रवींद्र-जीबनी' के वॉल्यूम 4 के पन्नों के स्क्रीनशॉट शेयर किए। जिस स्क्रीनशॉट को रमेश ने एक्स पर शेयर किया उसके मुताबिक, “जब सलाह ली गई तो रवींद्रनाथ टैगोर ने तीन सलाह दीं। उन्हें पहली दो पंक्तियां पूरी तरह से ठीक लगी लेकिन बाद की पंक्तियों में व्यक्त भावनाओं से वे सहमत नहीं हो सके।”

    अपनी पोस्ट में जयराम रमेश ने कहा, जवाहरलाल नेहरू को लिखे गए पत्र में रवींद्रनाथ टैगोर ने लिखा, "गाने के पहले हिस्से में दिखाए गए प्यार और भक्ति से मैं बहुत भावुक हो गया, जो हमारी मातृभूमि की सुंदरता और उदारता को दिखाता है। मुझे इन छंदों को बाकी कविता और जिस किताब से ये लिए गए हैं, उससे अलग करने में कोई दिक्कत नहीं हुई, क्योंकि मैं बाकी हिस्सों से खुद को जोड़ नहीं पाया, क्योंकि मेरा पालन-पोषण मेरे पिता के एकेश्वरवादी आदर्शों में हुआ था।"

    पोस्ट में रमेश ने यह भी कहा, “प्रधानमंत्री ने CWC और गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर का अपमान किया है। उन्होंने ऐसा किया, यह चौंकाने वाला है लेकिन हैरानी की बात नहीं है क्योंकि महात्मा गांधी के नेतृत्व वाले हमारे आजादी के आंदोलन में आरएसएस का कोई रोल नहीं था।"

    यह भी पढ़ें: क्या है 'वंदे मातरम्' विवाद, कांग्रेस ने कौन सी पंक्ति हटाई थी और क्यों?