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    'पाकिस्तानी ठिकानों पर सटीक निशाने के पीछे पूरा सिस्टम', पूर्व वायुसेना प्रमुख ने बताया कैसे घुटनों पर आया पाक

    Updated: Wed, 24 Dec 2025 05:30 AM (IST)

    पूर्व वायु सेना प्रमुख एयर मार्शल वीआर चौधरी ने आईआईटी बांबे के एक कार्यक्रम में इस पर प्रकाश डाला कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के सैन्य ठिकानो ...और पढ़ें

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    'पाकिस्तानी ठिकानों पर सटीक निशाने के पीछे पूरा सिस्टम', पूर्व वायुसेना प्रमुख (फोटो- एक्स)

    पीटीआई, मुंबई। पूर्व वायु सेना प्रमुख एयर मार्शल वीआर चौधरी ने आईआईटी बांबे के एक कार्यक्रम में इस पर प्रकाश डाला कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों और एयर बेसों पर सटीक निशाना कैसे लगाया गया, जिसके चलते पाकिस्तान चार दिनों में घुटनों के बल आ गया और युद्धविराम की गुहार करने लगा।

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    बता दें कि इस साल अप्रैल में पहलगाम में आतंकी हमले में 26 पर्यटकों के मारे जाने के बाद प्रतिक्रिया में सशस्त्र बलों ने आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने के लिए ऑपरेशन सिंदूर चलाया था।

    पूर्व वायुसेना प्रमुख ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के जवाब में हमें पाकिस्तान से प्रतिक्रिया की उम्मीद थी। पाकिस्तान ने तमाम ड्रोन और मिसाइलों के जरिये हमारे सैन्य और नागरिक ठिकानों पर हमला किया। यहां तक कि उन्होंने अस्पतालों को भी निशाना बनाया। हालांकि, भारत की एकीकृत वायु रक्षा प्रणाली इन सभी हमलों को विफल करने में कामयाब रही।

    आगे कहा कि हमारी तरफ आ रहे हर ड्रोन और मिसाइल को मार गिराया गया। हमारे देश को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचा। अब जब उन्होंने हमारे ठिकानों को निशाना बनाया, तो ये मामला थोड़ा नियंत्रण से बाहर जाता प्रतीत हुआ।

    साथ ही बोले कि जवाबी कार्रवाई में हमने उनके उन ठिकानों को निशाना बनाया, जहां से उनके लड़ाकू जेट और ड्रोन उड़ान भर रहे थे। नौ और 10 मई को हमने उनके एयर बेस और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। हमने इतने सटीक तरीके से उनके मुख्य एयर बेस को निशाना बनाया कि वे 'आत्मसमर्पण' की मुद्रा में आ गए और 'सफेद झंडे' लहराने लगे।

    ऐसे लगे सटीक निशाने चौधरी ने बताया कि सुखोई 30 लड़ाकू विमान से ब्रह्मोस मिसाइल दागी गई और राफेल लड़ाकू विमानों से स्कैल्प मिसाइलें छोड़ी गईं।

    उन्होंने बताया कि आइएसआर यानी इंटेलिजेंस (खुफिया जानकारी), सर्विलांस (निगरानी) और रीकोनाइजेंस (टोह), के जरिये हवाई हमले सटीक निशाने पर लगे। ये सबकुछ सिग्नल इंटेलिजेंस (एसआइजीएनआइटी), आइएमआइएनटी (इमेज इंटेलिजेंस), ओपन सोर्स इंटेलिजेंस, ह्यूमन इंटेलिजेंस और सैटेलाइट बेस्ड सर्विलांस के जरिये संभव हो सका।

    चौधरी ने बताया कि जब आप इन सबको एकसाथ इस्तेमाल करते हैं तो आपको सटीक तस्वीर मिलती है कि कौन कहां छिपा है। इस तरह का सर्विलांस वैश्विक स्तर पर उपलब्ध है, जिससे किसी के लिए भी छिपने की जगह नहीं रह गई है।