Coronavirus: आइए, जानें कैसे कोरोना महामारी ने खोली वर्क फ्रॉम होम की राह
Work From Home भारत सरकार के निर्देश के बाद टीसीएस ने भी इस दिशा में कदम बढ़ाया और लॉकडाउन के बाद भी वर्क फ्रॉम होम का झंडा बुलंद रखने की बात कह रही है ...और पढ़ें

नई दिल्ली, जेएनएन। Work From Home: कोरोना महामारी की वजह से भारत में भी वर्क फ्रॉम होम का कल्चर तेजी से बढ़ा है। कई कंपनियों ने लॉकडाउन के पहले से ही बड़ी संख्या में अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम पर भेज दिया था। नतीजतन आज भी कई कंपनियों के ऐसे कामगार लॉकडाउन के बावजूद काम कर रहे हैं। उत्पादकता बनी हुई है। अभी तक कामकाज के इस नए तरीके से कतरा रही कंपनियां अब संभावनाएं तलाशने लगी हैं। लाभ का सौदा होने की बात भी कर रही हैं, खासकर आइटी-बीपीओ, टेलीकॉलिंग, डाटा क्रिएशन, एनालिसिस से जुड़ी कंपनियां।
जानकारों का कहना है कि जिस तरह कंपनियां कामकाज के नए तरीकों पर फोकस कर रही हैं, वैसे ही कामगारों को भी सतर्क होना पड़ेगा। उन्हें घर पर रहकर काम करने की इस विधा में खुद के लिए कुछ बेंचमार्क तय करने होंगे। आइए, जानते हैं अपने देश में वर्क फ्रॉम होम की मौजूदा स्थिति और वे न्यूनतम मानक जिनके तहत कामगार बेहतर आउटपुट देकर अपनी सार्थकता बनाए रख सकते हैं।
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ऑफिस की फीलिंग जरूरी है : वर्क फ्रॉम होम को सफल बनाने के लिए जरूरी है आप हर दिन के काम की पूरी लिस्ट बनाएं और उसे शाम को चेक करें कि आपने सारे काम पूरे कर लिए हैं या नहीं। दूसरी बात यह है कि घर पर आप ऑफिस जैसा माहौल बनाएं। संभव हो तो अपने एक रूम या बालकनी या लिविंग रूम को इस तरह की शक्ल दें जिससे आपको काम करते हुए बिल्कुल ऑफिस जैसा फील हो। ऐसा करने से काम में मन लगेगा और लक्ष्य साधने में आसानी होगी।
नौकरी कैसे मिलेगी : श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अधीन संचालित नेशनल करियर सर्विस के पोर्टल पर वर्क फ्रॉम होम की सुविधा देने वाली नौकरियां उपलब्ध है। अगर आप भी जॉब नहीं कर रहे हैं या जॉब की तलाश में हैं तो आप नेशनल करियर सर्विस पर रजिस्टर कर घर बैठे रोजगार पा सकते हैं और पैसे कमा सकते हैं। इसी तरह कई निजी कंपनियों ने निजी स्तर पर भी वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी है।

टीम के संपर्क में रहना भी जरूरी : अपने घर से काम करते समय भी आपको अपने सहकर्मियों के साथ संपर्क में रहना चाहिए। दूसरी बात यह है कि ऑफिस के कामकाज से संबंधित बातचीत करने के लिए डिजिटल संचार माध्यम का उपयोग करना चाहिए। ईमेल की बजाय फोन, वीडियो चैट या ग्रुप मीटिंग भी कर सकते हैं। इससे हम खुद को अलग- थलग महसूस नहीं करते और टीम स्पीरिट बनी रहेगी।
नैसडैक में लिस्टेड बीपीओ और एनालिटिक्स कंपनी ईएक्सएल के लगभग 32 हजार कर्मचारियों में से 70 फीसद घर से काम करने लगे। भारत सरकार के निर्देश के बाद टीसीएस ने भी इस दिशा में कदम बढ़ाया और लॉकडाउन के बाद भी वर्क फ्रॉम होम का झंडा बुलंद रखने की बात कह रही हैं।
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घर से काम और घर का काम : घर से काम और घर के काम को लेकर ईमानदार होना जरूरी है। इन दोनों में जब तक भेद नहीं करेंगे, अपेक्षित रिजल्ट नहीं मिलेगा और न ही आप काम के साथ न्याय कर पाएंगे। वर्क फ्रॉम होम के दौरान आप अपने काम के समय को लेकर स्पष्ट रहें। आप ऑफिस जाने के बाद एक निर्धारित समय तक काम करते हैं, वैसे ही आप घर से भी निर्धारित समय में ही काम करें। उस काम के बीच में डिस्टर्ब न हों, न कोई और काम करें। नेशनल करियर सर्विस की सलाह तो यहां तक है कि ऑफिस के समय में केवल ऑफिस का काम करें। मतलब घर से भी काम करते समय आप ऑफिस का काम करने में गंभीरता दिखाएं उसको हल्के में बिल्कुल न लें।
हमारे यहां 13 हजार से अधिक कामगार हैं। वर्क फ्रॉम होम के तहत हमारे कर्मचारी बेहतर काम कर रहे हैं। कोरोना की वजह से एक नए रास्ते पर गंभीरता से विचार करने का मौका मिला है। एक बार स्थितियां संभले तो हम अपने 30 फीसद तक के वर्कफोर्स को वर्क फ्रॉम होम में कनवर्ट करने की सोच रहे हैं। ऐसा करने से कर्मचारियों के वेतन के डेढ़ गुना तक दफ्तर पर पड़ने वाला अतिरिक्त लोड कम हो जाएगा।
सरबवीर सिंह, सीईओ, पॉलिसी बाजार डॉट कॉम
प्रति कामगार 24 हजार डॉलर के आसपास का खर्च अभी आता है, लेकिन वर्क फ्रॉम होम करने के बाद काम की गुणवत्ता भी बढ़ेगी और खर्च भी 18-20 हजार डॉलर तक नीचे आएगा। यह एक बेहतर मौका साबित होने जा रहा है।
रोहित कपूर, सीईओईएक्सएल सर्विसेज

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