Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए सर्च कमेटी की बैठक में मंथन, पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली समिति आज करेगी दो नामों का चयन

    By Agency Edited By: Amit Singh
    Updated: Thu, 14 Mar 2024 06:02 AM (IST)

    मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए हाल में नया कानून लागू होने से पहले चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति सरकार की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा की जाती थी और परंपरा के अनुसार सबसे वरिष्ठ को मुख्य निर्वाचन आयुक्त के रूप में नियुक्त किया जाता था। चयन समिति की सिफारिश के आधार पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु चुनाव आयोग के दो सदस्यों की नियुक्ति करेंगी।

    Hero Image
    चयन समिति की सिफारिश के आधार पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु चुनाव आयोग के दो सदस्यों की नियुक्ति करेंगी।

    पीटीआई, नई दिल्ली। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की अध्यक्षता वाली सर्च कमेटी ने चुनाव आयोग में आयुक्तों की दो रिक्तियां भरने के लिए पांच उम्मीदवारों की एक सूची तैयार करने के लिए बुधवार शाम बैठक की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में एक चयन समिति दो नामों को अंतिम रूप देने के लिए गुरुवार दोपहर बैठक करेगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कानून के तहत पहली नियुक्तियां

    चयन समिति की सिफारिश के आधार पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु चुनाव आयोग के दो सदस्यों की नियुक्ति करेंगी। नियुक्तियों की अधिसूचना जारी होने के बाद नए कानून के तहत की जाने वाली ये पहली नियुक्तियां होंगी। कानून तीन सदस्यीय चयन समिति को ऐसे व्यक्ति को नियुक्त करने का अधिकार भी देता है जिसे सर्च कमेटी ने 'शार्टलिस्ट' नहीं किया हो।

    क्यों हुईं रिक्तियां?

    उल्लेखनीय है कि अनूप चंद्र पांडे की 14 फरवरी को सेवानिवृत्ति और आठ मार्च को अरुण गोयल के अचानक इस्तीफे से ये रिक्तियां पैदा हुई हैं। अरुण गोयल का इस्तीफा नौ मार्च को अधिसूचित किया गया था। रिक्तियों के कारण चुनाव आयोग में अभी केवल मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ही सदस्य हैं।

    सरकार की सिफारिश पर होती थी नियुक्ति

    मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए हाल में नया कानून लागू होने से पहले चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति सरकार की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा की जाती थी और परंपरा के अनुसार सबसे वरिष्ठ को मुख्य निर्वाचन आयुक्त के रूप में नियुक्त किया जाता था।