Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    OBC Reservation: ओबीसी आरक्षण के वर्गीकरण के लिए गठित आयोग जल्द सौंप सकता है रिपोर्ट, मिल चुके हैं कई विस्तार

    By Jagran NewsEdited By: Sonu Gupta
    Updated: Sun, 21 May 2023 09:11 PM (IST)

    ओबीसी जातियों को आगे बढ़ाने के लिए उन्हें मिलने वाले आरक्षण का वर्गीकरण करने के लिए गठित जस्टिस रोहणी आयोग जल्द ही रिपोर्ट सौंप सकता है। माना जा रहा है कि वह अपनी रिपोर्ट 31 जुलाई तक के अपने कार्यकाल के खत्म होने से पहले ही दे सकता है।फाइल फोटो।

    Hero Image
    ओबीसी आरक्षण के वर्गीकरण के लिए गठित आयोग जल्द सौंप सकता है रिपोर्ट। फाइल फोटो।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विकास की दौड़ में पिछड़ी ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) जातियों को आगे बढ़ाने के लिए उन्हें मिलने वाले आरक्षण का वर्गीकरण करने के लिए गठित जस्टिस रोहणी आयोग अब अपने कार्यकाल के और विस्तार के पक्ष में नहीं है। आयोग का मानना है कि जितना संभव था वह काम उन्होंने कर दिया है। अब इसे लागू करने का फैसला केंद्र को करना है। जल्द ही वह केंद्र को अपनी रिपोर्ट भी देने की तैयारी में है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सिर्फ कुछ ही जातियों को मिल रहा ओबीसी आरक्षण का लाभ

    माना जा रहा है कि वह अपनी रिपोर्ट 31 जुलाई तक के अपने कार्यकाल के खत्म होने से पहले ही दे सकता है। इस बीच आयोग ने ओबीसी आरक्षण लागू होने के बाद से अब तक केंद्रीय स्तर पर इन जातियों को मिले आरक्षण का पूरा ब्यौरा जुटाया लिया है, जिसमें आयोग ने यह पाया था कि ओबीसी आरक्षण का लाभ उनकी सिर्फ कुछ ही जातियों को मिला है।

    सौ जातियों को ही मिला सबसे अधिक आरक्षण का लाभ

    केंद्रीय सूची में वैसे तो ओबीसी की करीब तीन हजार जातियां शामिल है, जबकि पिछले वर्षों में आरक्षण का सबसे ज्यादा लाभ इनकी करीब सौ जातियों ने ही लिया है। यह बात अलग है कि इनकी संख्या भी ओबीसी जातियों के बीच सबसे ज्यादा है। आयोग ने यह आंकड़े केंद्रीय उच्च शिक्षण संस्थानों में मिले दाखिले और केंद्र सरकार के विभाग और संगठनों में मिली नौकरियों के आधार पर तैयार किए है।

    आयोग ने इस दौरान डेढ़ हजार से ज्यादा ऐसी ओबीसी जातियों को भी चिन्हित किया है, जिन्हें आरक्षण का पात्रता होने के बाद भी अब तक इसका कोई लाभ नहीं मिला है। सूत्रों की मानें तो आयोग ने इस बीच ओबीसी आरक्षण के वर्गीकरण को लेकर जो फार्मूला भी तैयार किया है वह कर्नाटक सहित कई राज्यों में पहले प्रचलित वर्गीकरण के जैसा ही है, जिसमें ओबीसी आरक्षण की चार से पांच कैटेगरी प्रस्तावित की गई है।

    अक्टूबर 2017 में किया गया था आयोग का गठन

    आयोग का गठन अक्टूबर 2017 में किया गया था। इस दौरान उसे 12 सप्ताह के भीतर ही रिपोर्ट देनी थी। लेकिन धीरे-धीरे आयोग का काम बढ़ते लगा। साथ ही उसे लगातार विस्तार भी मिलने लगा। ऐसे में उसे अब तक करीब 14 बार विस्तार मिल चुका है। अंतिम बार उसे 31 जनवरी 2023 में विस्तार दिया गया था। जिसके बाद उसे 31 जुलाई तक कार्य पूरा करने के लिए कहा गया था।