अब भी अफगान में फंसे हैं अनेकों भारतीय नागरिक, जल्द ही कमर्शियल उड़ानों की होगी दोबारा शुरुआत
15 अगस्त को अफगानिस्तान में तालिबान के काबिज हाने के तुरंत बाद ही कमर्शियल उड़ान सेवाओं को रोक दिया गया था। 31 अगस्त को अमेरिकी सेना की आखिरी खेप की वापसी के बाद काबुल एयरपोर्ट को तालिबान ने अपने कब्जे में ले लिया।
नई दिल्ली, आइएएनएस। Evacuation Drive: अफगानिस्तान (Afghanistan) में अभी भी बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक फंसे हैं जिसके मद्देनजर भारत सरकार (Indian government) की ओर से काबुल और भारत के बीच कमर्शियल उड़ानों को जल्द ही शुरू करने पर विचार किया जा रहा है। यह जानकारी अधिकारियों की ओर से गुरुवार को दी गई। अधिकारियों के अनुसार अफगानिस्तान की नागरिक विमानन विंग (Civil Aviation Wing) ने हाल में ही भारतीय नागरिक विमानन के महानिदेशक (Director General of Civil Aviation , DGCA) को पत्र लिखा और दोनों देशों के बीच अफगान की निर्धारित उड़ान सेवा को दोबारा शुरू करने की इजाजत मांगी। पत्र में काबुल एयरपोर्ट के शुरू किए जाने का भी जिक्र है।
15 अगस्त को अफगानिस्तान में तालिबान के काबिज हाने के तुरंत बाद ही कमर्शियल उड़ान सेवाओं को रोक दिया गया था। 31 अगस्त को अमेरिकी सेना की आखिरी खेप की वापसी के बाद काबुल एयरपोर्ट को तालिबान ने अपने कब्जे में ले लिया। काबुल से भारत के लिए पहला निकासी अभियान 17 अगस्त को हुआ जब अफगानिस्तान में भारतीय राजदूत रुद्रेंद्र टंडन (Rudrendra Tandon), 29 दूतावास अधिकारी, 99 ITBP जवान और 21 नागरिकों को भारतीय वायुसेना के विमान से भारत लाया गया। इसके बाद 22 अगस्त को करीब 400 यात्रियों को तीन विभिन्न उड़ानों से लाया गया जिसमें दो पूर्व अफगानी सांसद और दो नेपाली नागरिक भी शामिल थे।
सूत्रों के अनुसार, करीब 2000 भारतीय वर्कर अफगानिस्तान के विभिन्न परियोजनाओं में कार्यरत थे और उनमें से करीब 50 फीसद निकासी अभियान का संचालन करने वाले भारत के अधिकारियों से संपर्क करने में असमर्थ रहे। इसके अलावा कुछ भारतीय व्यापारी भी हैं जो उस वक्त काबुल से निकल न सके। इस बाबत विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) ने कहा था कि युद्धग्रस्त देश में काफी कम भारतीय फंसे हैं और जैसे ही उड़ानें दोबारा शुरू होती हैं इन्हें वहां से वापस लाया जाएगा।
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