सुकमा हमले के बाद सीआरपीएफ की बड़ी कार्रवाई, 212वीं बटालियन का कमांडेंट बदला
सीआरपीएफ ने 212वीं बटालियन के कमांडेट प्रशांत धर को हटाकर हरमिंदर सिंह को नया कमांडेंट बनाया गया है। ...और पढ़ें

रायपुर (नईदुनिया)। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के किस्टारम में नक्सली हमले में नौ जवानों के शहीद होने के बाद सीआरपीएफ ने बड़ी कार्रवाई की है। सीआरपीएफ ने 212वीं बटालियन के कमांडेट प्रशांत धर को हटाकर हरमिंदर सिंह को नया कमांडेंट बनाया गया है। प्रशांत धर को ग्रुप सेंटर में एटैच किया गया है।
सीआरपीएफ आइजी संजय अरोरा ने कहा कि प्रशांत धर को हटाया गया है। मामले में कोर्ट ऑफ इंक्वायरी भी चल रही है। सीआरपीएफ ने यह कार्रवाई पांच सदस्यीय जांच टीम की रिपोर्ट के बाद की है। इससे पहले 2017 में बुरकापाल में नक्सली हमले के बाद 74वीं बटालियन के कमांडेंट फिरोज कुजूर को भी हटाया गया था। सीआरपीएफ की पांच सदस्यीय जांच टीम ने क्रिस्टारम हमले के पीछे सूचना मिलने के बाद भी सतर्कता नहीं बरतने को जिम्मेदार माना है।
सूत्रों की मानें तो जवानों के मूवमेंट को लेकर कमांडेंट प्रशांत धर ने बड़ी चूक की थी। ऐसे में यहां माइन प्रोटेक्टिव व्हीकल (एमपीवी) को नक्सलियों ने बम से उड़ा दिया था। यही नहीं, जवानों ने यूबीजीएल से फायरिंग की थी, लेकिन यूबीजीएल का गोला फटा नहीं। इसके लिए भी कमांडेंट को जिम्मेदार माना गया। सीआरपीएफ के आलाधिकारियों ने बताया कि यूबीजीएल के नहीं फटने को लेकर सीआरपीएफ के केंद्रीय अफसर भी मंथन कर रहे हैं और कारणों की पड़ताल के लिए एक्सपर्ट से राय ली जा रही है।
एमपीवी सवार 47 जवान गंवा चुके हैं जान
सीआरपीएफ के आलाधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2005 से अब तक आइईडी से ब्लास्ट में एमपीवी में सवार 47 जवानों की जान गई और 42 घायल हुए हैं। 13 मार्च को नौ जवानों के शहीद होने के बाद एमपीवी को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। आखिर 20 से 40 किलो विस्फोटक में एमपीवी को नक्सली कैसे उड़ाने में सफल हो जा रहे हैं। सीआरपीएफ के अधिकारियों ने बताया कि सितंबर 2005 में बीजापुर में ब्लास्ट में 22 जवानों की मौत और तीन घायल हुए थे। दंतेवाड़ा के कटेकल्याण में दस जून 2011 को ब्लास्ट में 10 जवान शहीद हुए। किरंदुल में 13 अप्रैल 2015 को एमपीवी ब्लास्ट में पांच जवान शहीद और आठ घायल हुए थे।

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