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    'मौका मिले तो पाकिस्तान को खत्म कर दूंगा', कर्नल सोफिया के पिता लड़ चुके बांग्लादेश वार; ऑपरेशन सिंदूर पर कही ये बात

    पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला भारत ने पाकिस्तान के 9 स्थानों पर एयर स्ट्राइक कर ले लिया है। इस ऑपरेशन का नाम ऑपरेशन सिंदूर रखा गया था और आतंकियों के ठिकानों को तबाह करने के बाद भारतीय सेना की ओर से कर्नल सोफिया कुरैशी ने हमले की ब्रीफिंग की तो देश के हर नागरिक का सीना गर्व से चौड़ा हो गया।

    By Digital Desk Edited By: Prince Gourh Updated: Thu, 08 May 2025 12:28 PM (IST)
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    कर्नल सोफिया कुरैशी और उनके पिता ताज मोहम्मद (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला भारत ने पाकिस्तान के 9 स्थानों पर एयर स्ट्राइक कर ले लिया है। इस ऑपरेशन का नाम 'ऑपरेशन सिंदूर' (Operation Sindoor) रखा गया था और आतंकियों के ठिकानों को तबाह करने के बाद भारतीय सेना की ओर से कर्नल सोफिया कुरैशी ने हमले की ब्रीफिंग की तो देश के हर नागरिक का सीना गर्व से चौड़ा हो गया।

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    कर्नल सोफिया कुरैशी (Sofiya Qureshi) और विंग कमांडर व्योमिका सिंह (Vyomika Singh), दोनों महिला अधिकारियों ने भारतीय सेना (Indian Army) की ताकत और पराक्रम को दुनिया के सामने रखा। उनकी प्रेस ब्रीफिंग के बाद से यह दोनों महिला अधिकारी सोशल मीडिया पर छाई हुईं हैं।

    दो महिला अधिकारियों ने बढ़ाया देश का मान

    पूरा देश और पूरी दुनिया की नजर कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह पर ही थी और दिल्ली से दूर गुजरात के वडोदरा में सोफिया कुरैशी के पिता भी इस दृश्य को देखकर खुशी से फूले नहीं समा रहे थे।

    कर्नल सोफिया कुरैशी के पिता ताज मोहम्मद (Taj Mohmmad) ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात की और सोफिया कुरैशी की जिंदगी से जुड़ी कुछ बातों को सबके सामने रखा है। उन्होंने कर्नल सोफिया कुरैशी पर गर्व जताते हुए कहा कि उनकी बेटी ने देश के लिए कुछ किया है, इस पर उन्हें बहुत गर्व है।

    ताज मोहम्मद ने अपने बारे में भी बात करते हुए बताया कि बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के समय उन्होंने भी जंग लड़ी थी। उनके अंदर देशप्रेम की भावना इतनी है कि उन्होंने कहा कि अभी मौका दिया जाए तो उनको (पाकिस्तान) जाकर उनको खत्म कर दूंगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान दुनिया के अंदर रहने लायक देश नहीं है।

    'सबसे पहले हैं भारतीय, फिर कुछ और'

    कर्नल सोफिया कुरैशी के पिता ताज मोहम्मद ने बताया कि उनके पिता और उनके दादा भी आर्मी में थें और अब तो यह उनके परिवार की परंपरा हो गई है आर्मी में जाना। उन्होंने कहा कि हम सिर्फ देश के बारे में सोचते हैं और हमारी सोच 'वयम् राष्ट्रे जाग्रयाम' की है। हम पहले भारतीय हैं फिर कुछ और।

    कभी प्रोफेसर बनना चाहती थीं कर्नल सोफिया कुरैशी

    सोफिया कुरैशी ने कभी प्रोफेसर बनने का सपना देखा था और वह पीएचडी की पढ़ाई पूरी भी करने वाली थीं। लेकिन देशभक्ति के जज्बे ने उन्हें सेना में जाने और सेना की वर्दी पहनने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद उन्होंने भारतीय सेना ज्वाइन करने का फैसला किया।

    कर्नल सोफिया कुरैशी के भाई संजय कुरैशी ने बताया कि उनके दादा और पिता दोनों भारतीय सेना में रह चुके हैं और अब यही परंपरा उनकी बहन सोफिया कुरैशी आगे बढ़ा रही हैं। सोफिया कुरैशी ने एमएस यूनिवर्सिटी, वडोदरा से बायोकैमिस्ट्री में बीएससी और एमएससी किया था और वहीं असिस्टेंट लेक्चरर के तौर पर पढ़ाना भी शुरू कर दिया था।

    बुआ की तरह आर्मी में जाना चाहती हैं सोफिया की भतीजी जारा

    संजय कुरैशी ने बताया कि सोफिया साथ में पीएचडी भी कर रही थीं और इस बीच वह शॉर्ट सर्विस कमीशन (SSC) के जरिए सेना में चुनी गईं, तो उन्होंने पढ़ाई और करियर को छोड़कर देशसेवा का रास्ता चुना।

    संजय बताते हैं कि अब अगली पीढ़ी को भी सोफिया प्रेरित कर रही हैं। संजय ने कहा कि उनकी बेटी जारा भी अब अपनी बुआ की तरह सेना में शामिल होने का सपना देख रही है और अभी से वो कहती है कि मुझे आर्मी ज्वाइन करनी है।

    कैसे बनाई पहचान?

    गुजरात सरकार के अनुसार, कर्नल सोफिया ने 1997 में मास्टर्स किया और सेना के सिग्नल कोर में शामिल हुईं। 2016 में उन्होंने इतिहास रचते हुए 'फोर्स 18' नामक बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में भारतीय सैन्य दल की कमान संभाली। ऐसा करने वाली वह पहली महिला अधिकारी बनीं। 2006 में वह संयुक्त राष्ट्र के पीसकीपिंग मिशन के तहत कांगो में भी तैनात रह चुकी हैं।

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