कफ सिरप से मौत मामले में केंद्र सख्त, स्वास्थ्य सचिव की राज्यों के साथ बैठक आज; जारी हो सकते हैं ये निर्देश
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने से 14 बच्चों की जान चली गई जिसके बाद सरकार ने कार्रवाई करते हुए डॉक्टर प्रवीण सोनी को गिरफ्तार किया है। राज्य में सिरप की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। केंद्र सरकार भी सक्रिय हो गई है और स्वास्थ्य सचिव राज्यों के प्रमुख सचिवों के साथ बैठक करेंगे ताकि कफ सिरप की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में कोल्ड्रिफ कफ सिरप के सेवन से 14 बच्चों की जान चली गई। इस घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इस मामले में मध्य प्रदेश सरकार ने एक्शन लिया है और इस सिरप का सुझाव देने वाले छिंदवाड़ा के चिकित्सक प्रवीण सोनी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
वहीं, राज्य में इस सिरप की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। इस बीच छिंदवाड़ा के एसपी ने बताया कि बीएमओ की रिपोर्ट के आधार पर डॉ. प्रवीण सोनी को आरोपी बनाया गया है, उन्होंने सबसे अधिक इस दवा का लेने का सुझाव दिया था।
इस कफ सिरप से हुई बच्चों की मौत के मामले में केंद्र सरकार भी एक्शन में आ गई है। आज शाम 4 बजे केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव सभी राज्यों के प्रमुख सचिवों और स्वास्थ्य सचिवों के साथ एक मीटिंग करेंगी। ये बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की जाएगी।
इन धाराओं में मामला किया गया दर्ज
छिंदवाड़ा जिले में कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने से 14 बच्चों की मौत मामले में एसपी अजय पांडे ने बताया कि बीएमओ की रिपोर्ट के आधार पर 105 बीएनएस, 276 बीएनएस और 27 (ए) ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में सबसे ज़्यादा बच्चों का इलाज डॉ. प्रवीण सोनी ने किया था। उन्होंने कोल्ड्रिफ सिरप लिखी थी, इसी आधार पर उन्हें इस मामले में आरोपी बनाया गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव की बैठक
बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव देश के सभी राज्यों के प्रमुख सचिवों और स्वास्थ्य सचिवों के साथ एक मीटिंग करेंगी। सूत्रों के अनुसार, इस ऑनलाइन बैठक का मुख्य उद्देश्य कफ सिरप के तर्कसंगत उपयोग पर चर्चा करना और कोल्ड्रिफ कफ सिरप से जुड़ी कई बच्चों की मौतों के बाद दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करना है।
कंपनी पर कार्रवाई के दिए जा सकते हैं निर्देश
बताया जा रहा है कि सीडीएससीओ तमिलनाडु खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) को कंपनी के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए पत्र लिखेगा। सूत्रों का दावा है कि सीडीएससीओ तमिलनाडु-एफडीए को 'कोल्ड्रिफ' सिरप निर्माता श्रीसन फार्मास्युटिकल्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखेगा।
कई जांच रिपोर्ट अभी आनी बाकी
इस बीच खबर है कि मध्य प्रदेश में कफ सिरप की आपूर्ति करने वाली एक अन्य कंपनी,नेक्ट्रो डीएस के नमूनों के परिणाण आने अभी बाकी है। बताया जा रहा है कि नेक्सट्रो डीएस सिरप के नमूनों के परिणाम अभी भी लंबित हैं। कुल 19 नमूने एकत्र किए गए थे जिनमें मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में बीमार पड़े बच्चों द्वारा सेवन किए गए सिरप, एंटीबायोटिक्स, एंटीपायरेटिक्स और ओंडान्सेट्रॉन के नमूने शामिल हैं।
एमपी में कोल्ड्रिफ की बिक्री पर लगी रोक
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में कोल्ड्रिफ और नेक्स्ट्रो डीएस सिरप के साथ-साथ इसी कंपनी द्वारा निर्मित अन्य उत्पादों की बिक्री पर तत्काल प्रतिबंध लगा दिया है। इस बात की जानकारी राज्य के सीएम मोहन यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी ये सलाह
गौरतलब है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सलाह दी है कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को खांसी-ज़ुकाम की दवाएं न दी जाएं। मंत्रालय ने इस संबंध में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सेवा निदेशकों को पत्र लिखा है।
इन राज्यों में भी कोल्ड्रिफ कफ सिरप पर बैन
मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में इस सिरप के सेवन से कई बच्चों की मौत हो गई। इसके बाद इन राज्यों में इस सिरप पर प्रतिबंध लगा दिया गया। वहीं, एहतियात के तौर पर केरल और तेलंगाना जैसे अन्य राज्यों ने इस सिरप पर प्रतिबंध लगाने के लिए सार्वजनिक अलर्ट जारी किया है। (समाचार एजेंसी एएनआई के इनपुट के साथ)
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