कोयला लिंकेज की नीलामी के लिए कोलसेतु को कैबिनेट की मंजूरी, अब निर्यात करना होगा संभव
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी ने कोलसेतु को मंजूरी दी है, जिससे कोयले का निर्बाध, कुशल और पारदर्शी उपयोग हो सकेगा। कोलसेतु ...और पढ़ें

कोयला लिंकेज की नीलामी के लिए कोलसेतु को कैबिनेट की मंजूरी (फाइल फोटो)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी ने शुक्रवार को कोयले के निर्बाध, कुशल और पारदर्शी उपयोग के लिए नए विंडो कोलसेतु की मंजूरी दे दी। कोलसेतु विंडो सेनीलाम होने वाले कोयले का निर्यात भी किया जा सकेगा और उसे किसी भी औद्योगिक उत्पादन के काम में उपयोग किया जा सकेगा।
अब तक के नियम के मुताबिक कोयला लिंकेज की नीलामी में हिस्सा लेने के लिए पहले यह बताना पड़ता था कि उस कोयले का इस्तेमाल कहां किया जाएगा। बिजली उत्पादन की किसी यूनिट के लिए कोयला लिंकेज लिया गया है तो उस खदान से निकलने वाले कोयले का इस्तेमाल सिर्फ उसी यूनिट में हो सकता था।
उस कोयले का इस्तेमाल किसी अन्य यूनिट या किसी अन्य उत्पादन में नहीं किया जा सकता था। कोयले के निर्यात पर भी पाबंदी थी। कोलसेतु के तहत नीलामी में यह नियम लागू नहीं होगा और कोयले का इस्तेमाल कहीं भी किया जा सकेगा।
सरकार की नीति में परिवर्तन
असल में कोयले का सीमित उत्पादन होने व बिजली उत्पादन के लिए इसकी भारी मांग के कारण निर्यात की इजाजत नहीं थी। लेकिन अब ऊर्जा के रिन्युएबल माध्यम आने के कारण और कोयले का उत्पादन सालाना 100 करोड़ टन के स्तर के पार जाने की वजह से सरकार ने नीति में परिवर्तन कर दिया है।
अब बिजली उत्पादक कंपनियों के पास कोयले के भंडार की कमी नहीं है। कोयले का आयात भी अब काफी कम हो गया है। इससे विदेशी मुद्रा की भी बचत हो र ही है। लेकिन इस विंडो के तहत कोकिंग कोल की नीलामी नहीं होगी।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।